जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने BPSC छात्रों के समर्थन में कड़ा रुख अपनाते हुए परीक्षा में अनियमितताओं को लेकर सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा दोबारा परीक्षा आयोजित करना यह कानूनी रूप से स्वीकार करता है कि परीक्षा में अनियमितताएं हुई हैं। उन्होंने इस मुद्दे पर छात्रों के लिए सरकार से ठोस कार्रवाई की मांग की। प्रशांत किशोर ने कहा कि “मैं यहां जन सुराज के बैनर के तहत नहीं, बल्कि छात्रों के समर्थन में आया हूं। छात्रों का काम होना चाहिए, चाहे कोई भी नेतृत्व करे। राहुल गांधी हों या तेजस्वी यादव, हम पीछे खड़े होने के लिए तैयार हैं।” उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से छात्रों की मांगों को गंभीरता से लेने और उनसे मुलाकात करने का आग्रह किया।
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प्रशांत किशोर ने परीक्षा प्रक्रिया में अनियमितताओं को राज्य की व्यवस्था पर सवालिया निशान बताया। उन्होंने कहा कि “सरकार ने दोबारा परीक्षा आयोजित कर यह स्वीकार कर लिया है कि छात्रों के एक निश्चित अनुपात के साथ अन्याय हुआ है। अब समय आ गया है कि सरकार इस मुद्दे पर जिम्मेदारी से कार्रवाई करे।” प्रशांत किशोर ने स्पष्ट किया कि वे अपने अनशन पर अडिग रहेंगे। उन्होंने कहा कि “यह सरकार को तय करना है कि वह आगे क्या करना चाहती है। लेकिन छात्रों के हितों की अनदेखी किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। यह राज्य के भविष्य का सवाल है।”
उन्होंने विपक्षी दलों द्वारा की जा रही आलोचनाओं को खारिज करते हुए कहा कि “यह कोई नई बात नहीं है। राजनीति अलग है, लेकिन यह आंदोलन छात्रों के भविष्य के लिए है।”