कभी नरेंद्र मोदी और नीतीश कुमार के रणनीतिकार रहे प्रशांत किशोर (PK) के नए खुलासे से राजनीति गरम होनी तय है। प्रशांत किशोर इन दिनों बिहार की यात्रा पर हैं। इस दौरान शुक्रवार को दरभंगा पहुंचे प्रशांत किशोर ने कहा कि यह कोई राजनीतिक कोशिश नहीं है। लेकिन हम इससे इनकार भी नहीं करते। जितने लोगों से मिल रहे हैं, उनके साथ मिलकर अधिवेशन होगा और उसमें आगे का रास्ता तय होगा। इस दौरान प्रशांत किशोर ने अपने पुराने दिनों की यादें ताजा करते हुए कहा कि गलत लोगों को जिताने में कंधा लगा सकता हूं तो सही लोगों के लिए प्रयास करने में नुकसान क्या है?
“एक दल या एक व्यक्ति कुछ नहीं कर सकता”
पीके ने कहा कि बिहार की समस्या इतनी बड़ी है कि कोई व्यक्ति या दल बिहार को सुधार नहीं सकता। 50 साल से यही दशा है। कोई दावा कर रहा है कि हम आएंगे तो ठीक कर देंगे तो या तो वो आदमी बेवकूफ है या फिर हम सबको बेवकूफ बना रहा है। उन्होंने कहा कि हम सिर्फ लड़ने के लिए लड़ने वालों में से नहीं हैं। जीत का खाका कर बनाकर आए हैं। तीन महीने में 180 डिग्री राजनीति घूम गई है। आगे देखिए क्या क्या होता है।
2025 में दोनों गठबंधनों में होंगे कई बदलाव
बिहार में बनी नई सरकार को पहले तो पीके ने शुभकामना दी। लेकिन उसके बाद जो भविष्यवाणी इससे राजनीतिक अस्थिरता अधिक बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि जो अगला विधानसभा चुनाव होगा, वो इस फॉर्मेट में नहीं होगा। अभी कई और बदलाव होंगे। सात दलों का महागठबंधन नहीं चलेगा। वहीं मौजूदा मंत्रिमंडल गठन पर प्रशांत किशोर ने कहा कि अभी के मंत्रिमंडल में शामिल तीन लोगों को 2015 में भी शामिल किया जा रहा था। जिसे वीटो पावर लगा कर रोका गया। ऐसे लोगों को अभी मंत्री बनाया गया है।
“सीएम के तौर पर मुझे देखना अंडर इस्टीमेट करना है”
प्रशांत किशोर ने सीएम का उम्मीदवार बनने की चर्चा पर कहा कि मुझे सीएम का उम्मीदवार ही मानना, मुझे अंडरएस्टीमेट करना है। मेरी कोशिश विकसित बिहार बनाने की है। बिहार में सबकुछ होते ही भी हम बिहारी पिछड़े हैं। इस पिछड़ेपन को दूर करना ही काम है। बिहार की राजनीतिक परिस्थिति के बारे में प्रशांत किशोर ने कहा कि चुनाव जीतने की क्षमता के आधार पर नेताओं को हम सही गलत का आंकलन करते हैं। सही व्यक्ति को भी मजबूत बनाया जा सकता है। राजनीति में सही लोग जब तक नहीं आएंगे तब तक समस्याएं नहीं खत्म होंगी।
डबल स्टैंडर्ड वाले हैं नीतीश और जदयू!
जदयू से अलग होने के सवाल पर प्रशांत किशोर ने जदयू और नीतीश कुमार पर बरसे। सीएए एनआरसी पर पार्टी ने फैसला किया कि इस मुद्दे पर पार्टी खिलाफ में रहेगी। लेकिन जदयू ने संसद में इसका समर्थन कर दिया। नीतीश कुमार से मैंने बात की तो उन्होंने कहा कि मैं विजिट पर था और उसमें मेरी सहमति नहीं थी। बाद में उन्होंने विधानसभा में सीएए एनआरसी के खिलाफ विधानसभा में प्रस्ताव पारित किया। मुझे नीतीश कुमार और जदयू का ये डबल स्टैंडर्ड ठीक नहीं लगा। इस पर मैंने बयान दिए। फिर जदयू ने मुझे निकाल दिया।