यह बात पब्लिक डोमेन में है कि प्रशांत किशोर और नरेंद्र मोदी का जुड़ाव पुराना है। 2014 के लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी के सारथी के रूप में रहे प्रशांत किशोर ने अगले साल 2015 में ही बिहार में नरेंद्र मोदी को मात दे दी। इसके बाद दोनों ने कभी साथ काम नहीं किया। लेकिन एक बार फिर प्रशांत किशोर भाजपा और नरेंद्र मोदी के नाम का झंडा उठाने को तैयार है। हालांकि इस पर उन्होंने एक शर्त रखी है।
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दरअसल, बिहार की राजनीति में उलटफेर होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिहार आने वाले हैं। मोदी के इसी दौरे को लेकर बिहार की जनता के हितों को लेकर अपनी स्पष्ट राय रख रहे जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने कहा कि आज लोग मुझसे कहते हैं कि मोदी आ जाएंगे तो बिहार सुधर जाएगा। लेकिन 2014 तक आधा से ज़्यादा बिहार मोदी को नहीं जानता था। उन्होंने कहा कि मैंने ही मोदी का प्रचार किया था। आज सब मोदी के भक्त हो गए हैं। उनको वोट देते हैं और हम से कहते हैं कि आपको पता है मोदी जी से ही देश का कल्याण होगा।
प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि मैं आपको बताने आया हूं मोदी ने बिहार का विकास किया या नहीं किया, ये बात छोड़ दीजिए। मोदी के आने से बिहार को फायदा हुआ या नहीं हुआ ये भी छोड़ दीजिए। मोदी के आने से घरेलू गैस सिलेंडर 1250 रुपए और पेट्रोल 100 रुपये प्रति लीटर हो गया, ये बात भी छोड़ दीजिए। आज जितने भी मोदी के समर्थक हैं उन सबको खुली चुनौती देता हूं कि पिछले 9 सालों में मोदी ने अगर बिहार के लिए एक भी बैठक की है तो उस बैठक की खबर दिखा दीजिए। हम आज से ही मोदी का झंडा लेकर चल देंगे।
प्रशांत ने कहा कि पिछले 9 सालों में मोदी ने बिहार के लिए एक बैठक तक नहीं की है। आज फिर भी हम लोग जाकर भाजपा को वोट दे रहे हैं तो बिहार की दुर्दशा कहां से सुधरेगी।