बिहार सरकार पर्यटन को राज्य की अर्थव्यवस्था का अहम स्तंभ बनाने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रही है। इसी लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए सरकार ने हाल ही में नई पर्यटन नीति 2023 जारी की है। यह नीति राज्य में पर्यटन उद्योग को नई रफ्तार देने और बिहार को घरेलू व अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों के बीच आकर्षक गंतव्य के रूप में स्थापित करने की दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकती है।
नई नीति में निवेशकों को मिलेंगे ये फायदे:
- आकर्षक अनुदान: नई नीति के तहत पर्यटन क्षेत्र में निवेश करने वालों को आकर्षित करने के लिए वित्तीय अनुदान का भी प्रावधान किया गया है। 10 करोड़ रुपये तक के निवेश पर 30% और 50 करोड़ रुपये तक के निवेश पर 25% अनुदान दिया जाएगा। 50 करोड़ से अधिक के निवेश में भी अधिकतम 25 करोड़ रुपये तक का अनुदान मिल सकता है। वहीं, न्यूनतम 75 लाख रुपये के निवेश पर भी अनुदान का लाभ उठाया जा सकता है।
- अन्य लाभ: अनुदान के अलावा, सरकार भूमि अधिग्रहण शुल्क, बिजली शुल्क, बिक्री कर और स्टाम्प शुल्क में भी रियायत देगी। साथ ही सुरक्षा व्यवस्था और विपणन में भी सहायता प्रदान करेगी।
- विशिष्ट पर्यटन को बढ़ावा: नई नीति धार्मिक पर्यटन, सांस्कृतिक पर्यटन, इको-टूरिज्म और एडवेंचर टूरिज्म को भी विशेष रूप से बढ़ावा देती है। इन क्षेत्रों में निवेश करने पर सरकार विशेष अनुदान भी देगी।
- पर्यटन सुविधाओं का विकास: होटल, रिसॉर्ट, रेस्टोरेंट और अन्य पर्यटन सुविधाओं के विकास को बढ़ावा देने के लिए सरकार ऋण योजनाएं भी शुरू करेगी। साथ ही पर्यटन से जुड़े बुनियादी ढांचे के विकास में भी सरकारी सहायता मिलेगी।
- कौशल विकास पर जोर: युवाओं को पर्यटन उद्योग में रोजगार के लिए तैयार करने के लिए सरकार कौशल विकास और प्रशिक्षण कार्यक्रम भी चलाएगी। इससे स्थानीय लोगों को पर्यटन क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर प्राप्त होंगे।
कुल मिलाकर, बिहार सरकार की यह नई पर्यटन नीति राज्य के पर्यटन उद्योग में बदलाव लाने की क्षमता रखती है। इससे न सिर्फ पर्यटन स्थलों का विकास होगा, बल्कि रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे और बिहार अपनी समृद्ध संस्कृति और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए दुनिया भर में जाना जाएगा।
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