बिहार में शराबबंदी कानून लागू हुए लगभग 7 साल का समय हो चुका है। लेकिन इसके बावजूद भी हमेशा ही शराबबंदी कानून खबरों में बना रहता है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शराबबंदी को लेकर कई बार अपने इरादे स्पष्ट कर चुके हैं। इस कानून को वो अपनी सरकार की बड़ी उपलब्धियों में गिनवाते हैं। साथ ही कई बार ये भी कह चुके हैं कि इस कानून को वापस नहीं लिया जाएगा। वही महागठबंधन में उनके साथी दलों के नेताओं की राय शराबबंदी को लेकर बिलकुल भिन्न है। इनमें सबसे आगे नाम पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी का है जो हमेशा ही शराबबंदी कानून को वापस लिए जाने की मांग करते रहते हैं। साथ ही शराब चालू होने के फायदे भी गिनवाते रहते है। इसी कड़ी में अब उन्होंने खुले मंच से तेजस्वी यादव से शराबबंदी कानून वापस लिए जाने की मांग कर दी है।
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“तेजस्वी बाबू बिहार में फेर से शराब चालू करवा देहू“
दरअसल बोधगया में बौद्ध महोत्सव का आयोजन किया गया है। जिसके एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और जीतन राम मांझी भी पहुंचे हुए थे। इस कार्यक्रम में मंच से संबोधन के दौरान जीतन राम मांझी ने तेजस्वी यादव से बड़ी मांग कर दी। उन्होंने बिहार में शराब फिर से चालू करने की वकालत करते हुए अपने मगही अंदाज में कहा कि “तेजस्वी बाबू बिहार में फेर से शराब चालू करवा देहू, एकरा बारे में मुख्यमंत्री जी से भी बात करहु।” मतलब ये की शराब को फिर से चालू किए जाने के विषय को लेकर जितन राम मांझी ने तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से बात करने को कहा।
मांझी ने गिनाए शराब के फायदे
जीतन राम मांझी ने शराब को चालू करने के कई फायदे भी उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को गिनाए। उन्होंने कहा कि गया और बिहार में घुमने के लिए देश-विदेश से पर्यटक आ रहे हैं। लेकिन वो घुमने के बाद यहां रुक नहीं रहे हैं। वो आस-पास के राज्यों में रुकते हैं क्योंकि बिहार में शराबबंदी है। जब वो बिहार में रुकेंगे ही नहीं तो बिहार में विदेशी मुद्रा से राजस्व कैसे बढ़ेगा? उन्होंने कहा कि शराबबंदी के कारण पर्यटकों की संख्या घट गई है। इसलिए तेजस्वी बाबू, मुख्यमंत्री से शराबबंदी वापस लेने की बात करें। जिससे बिहार घुमने आए हुए पर्यटक बिहार में ही रूकेंगे और बिहार की आय भी बढ़ेगी।