बिहार के सभी 13 पारंपरिक विश्वविद्यालयों में वित्तीय अनुशासन सुनिश्चित करने के लिए शुरू किए गए ऑडिट की समीक्षा का काम सोमवार से शुरू हो गया है। शिक्षा विभाग इस समीक्षा के माध्यम से यह जांच कर रहा है कि विश्वविद्यालयों ने ऑडिट में उठाई गई आपत्तियों का समाधान किया है या नहीं।
उच्च शिक्षा निदेशक रेखा कुमारी की अध्यक्षता में हुई पहली समीक्षा बैठक में पटना विश्वविद्यालय के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। विश्वविद्यालय प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि वे ऑडिट की सभी आपत्तियों का समाधान कर एक विस्तृत रिपोर्ट जल्द ही सौंपेंगे।
समीक्षा का शेड्यूल जारी
अगले कुछ हफ्तों में अन्य विश्वविद्यालयों की भी समीक्षा की जाएगी। इसके लिए शिक्षा विभाग ने एक शेड्यूल जारी कर दिया है. जिसके अनुसार, मगध विश्वविद्यालय, बीआरए बिहार विश्वविद्यालय, जेपी विश्वविद्यालय, वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय, तिलका मांझी विश्वविद्यालय, बीएन मंडल विश्वविद्यालय, एलएनएमयू, केएसडीएस और एमएमएच अरबी-फारसी विश्वविद्यालय, पाटलिपुत्रा विश्वविद्यालय और मुंगेर विश्वविद्यालय की समीक्षा क्रमशः 13 अगस्त, 14 अगस्त, 16 अगस्त, 20 अगस्त, 21 अगस्त, 22 अगस्त, 23 अगस्त, 27 अगस्त और 28 अगस्त को की जाएगी।
इस समीक्षा का उद्देश्य:
- वित्तीय अनुशासन: विश्वविद्यालयों में वित्तीय अनुशासन कायम करना।
- पारदर्शिता: विश्वविद्यालयों के वित्तीय लेन-देन में पारदर्शिता लाना।
- जवाबदेही: विश्वविद्यालय प्रशासन को जवाबदेह बनाना।
- सुधार: विश्वविद्यालयों के वित्तीय प्रबंधन में सुधार करना।