बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने बुधवार को विधान परिषद में मैथिलि भाषियों के लिए अलग मिथिला राज्य बनाने की कर दी। राबड़ी देवी ने कहा कि मैथिली भाषा में संविधान के अनुवाद करना ठीक है, लेकिन प्रधानमंत्री को मिथिला को राज्य बनाना चाहिए। इससे पहले लोकसभा चुनाव के दौरान तेजस्वी यादव ने मिथिलांचल विकास प्राधिकरण (MDA) बनाने की घोषणा की थी। अब राबड़ी देवी की इस मांग के बाद बिहार की सियासत गरमाने लगी है।
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दरअसल, विधानमंडल के शीतकालीन सत्र में भाजपा एमएलसी हरी सहनी ने सदन में मिथिला क्षेत्र को केंद्र की मोदी सरकार से बड़ी सौगात मिलने की बात कही। उन्होंने कहा कि जब अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री थे तब मैथिलि भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल किया गया था। यह मिथिला और मैथिलि भाषियों को बहुत बड़ा सम्मान था। अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मिथिला को बड़ी सौगात दी है। मैथिलि में संविधान आया है। साथ ही इसके लोगो में मछली को जगह दी गई है। यह मिथिला का बड़ा सम्मान है। हरी सहनी ने इसे लेकर पीएम मोदी के प्रति धन्यवाद देने की बात कही।
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इसी बीच नेता प्रतिपक्ष राबड़ी देवी ने अचानक से कहा कि अभी केंद्र और राज्य दोनों जगह आपकी सरकार है। मैथिली भाषियों को चाहिए कि वे अपने लिए अलग राज्य की मांग स्वीकृत करा लें। उन्होंने तंज भरे अंदाज में यह टिप्पणी की। हालाँकि सदन से बाहर निकलने के बाद संवाददाताओं से बात करते हुए एक बार फिर से राबड़ी देवी ने इन्हीं बातों को दोहराया। उन्होंने कहा कि हमने कहा ही है कि मिलजुल कर मिथिला राज्य बना लेना चाहिए। राबड़ी ने अपनी बातों को दोहराते हुए केंद्र की मोदी, बिहार की नीतीश और भाजपा पर तंज कसा।