राजद सुप्रीमो लालू यादव अपनी पत्नी राबड़ी देवी के साथ इनदिनों अपने पैतृक जिला गोपालगंज में हैं। जहां वो दोनों कई जगहों पर घूम रहे हैं। इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी अपने मायके सेलार कला भी पहुंची। वो उस स्कूल में भी गई जहां से उन्होंने पांचवी तक की पढ़ाई की थी। उस स्कूल में वो कुछ समय के लिए शिक्षिका की भूमिका में भी दिखी। इसके बाद मीडिया से बात करते हुए ये बताया कि आखिर क्यों वो पाचवीं तक ही पढ़ाई कर सकीं।
शिक्षिका बनी राबड़ी देवी
राबड़ी देवी आज अपने पैतृक गांव स्थित स्कूल में गईं। जहां उन्होंने एक शिक्षिका की तरह छात्राओं से सवाल-जवाब किया। उन्होंने स्कूल की टाईमिंग से लेकर अन्य सुविधाओं के बारे में जानकारी ली। उन्होंने छात्राओं की शिकायतों को भी सुना और उसका निराकरण करने का भरोसा भी दिलाया। बता दें कि इस दौरान राबड़ी देवी के साथ उनके बड़े बेटे और बिहार सरकार में मंत्री तेजप्रताप यादव भी मौजूद रहे।मीडियाकर्मियों से बात करने के दौरान राबड़ी देवी ने बताया कि उन्होंने भी इसी स्कूल से पांचवीं तक की पढ़ाई की थी।
इस कारण पांचवीं तक ही पढ़ पाई राबड़ी देवी
राबड़ी देवी ने ये भी बताया कि आखिर उन्होंने पांचवी तक ही पढ़ाई क्यों की। उन्होंने कहा कि हमारे बचपन में गांव में पांचवीं कक्षा तक ही स्कूल था। उस समय लोग बेटियों को बाहर पढ़ाने के लिए नहीं भेजते थे। यही कारण है कि मैं भी पांचवीं तक ही पढ़ पाई। लेकिन जब मैं सीएम बनी तब मैंने यहां बालिका प्लस-टू स्कूल का निर्माण करवाया। राबड़ी देवी ने ये भी कहा कि आज बेटियों को प्लस-टू स्कूल में पढ़ते देख खुशी हो रही है। छात्राओं ने उर्दू और संस्कृत विषय के शिक्षक की डिमांड की है। इसके लिए शिक्षा विभाग को निर्देश दिया जाएगा। साथ ही दो अतिरिक्त कमरा और कंप्यूटर क्लास भी बनवाया जाएगा।