बिहार राज्य विश्वविद्यालय सेवा आयोग के अध्यक्ष डॉ. राजवर्धन आजाद को बिहार विधान परिषद का सदस्य बनाया गया है। डॉ. आजाद पूर्व मुख्यमंत्री भागवत झा आजाद के बेटे हैं। उन्हें राज्यपाल कोटे से बिहार विधान परिषद का सदस्य बनाया गया है। राजभवन ने डॉ. आजाद को एमएलसी बनाने की अधिसूचना जारी कर दी है।
उपेंद्र कुशवाहा की जगह मिली आजाद को एंट्री
फरवरी माह में उपेंद्र कुशवाहा ने विधान परिषद से इस्तीफा दे दिया था। वे भी राज्यपाल कोटे से ही विधान परिषद के सदस्य थे। उस खाली सीट पर डॉ. राजवर्धन आजाद को एमएलसी बनाने की सिफारिश सीएम नीतीश कुमार ने की थी।
फ्रंट डोर से राजनीति में नहीं मिली जगह
डॉ. आजाद की पृष्ठभूमि पॉलिटिक्स ही है। उनके पिता बिहार के मुख्यमंत्री रहे हैं। साथ ही उनके भाई कीर्ति आजाद दरभंगा से भाजपा के टिकट पर लोकसभा सदस्य रह चुके हैं। हालांकि कीर्ति आजाद अभी तृणमूल कांग्रेस में हैं। वहीं डॉ. राजवर्धन आजाद ने फ्रंट डोर से राजनीति में आने का प्रयास किया था। 2014 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने गोड्डा सीट पर किस्मत आजमाई थी। उन्हें नीतीश कुमार ने अपनी पार्टी जदयू का उम्मीदवार बनाया था। लेकिन तब राजवर्धन आजाद जीत नहीं सके। यहां तक कि वोटों के मामले में टॉप 5 उम्मीदवारों में भी डॉ. आजाद शामिल नहीं हो सके। इसके बाद 2019 में डॉ. आजाद को बिहार राज्य विश्वविद्यालय सेवा आयोग का अध्यक्ष बनाया गया। 2022 में उन्हें नीतीश सरकार ने सेवा विस्तार भी दिया।