रामचरित मानस को पर शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के दिए बयान पर बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है। शिक्षा मंत्री पर कई जगह केस दर्ज किया जा चुका है। कुछ दिन पहले ही भाजयुमो ने शिक्षा मंत्री के खिलाफ कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। वही अब हिंदू जागरण मंच ने मुंगेर के सिविल कोर्ट में परिवाद दायर किया है। ये परिवाद मंत्री चंद्रशेखर के साथ-साथ राजद अध्यक्ष जगदानंद सिंह पर भी किया गया है। बता दें कि जगंदानंद सिंह ने मंत्री चंद्रशेखर यादव के बयान का समर्थन किया था। हिंदू जागरण मंच मुंगेर के विधि प्रमुख अधिवक्ता आशीष कुमार ने कहा कि जिस तरह शिक्षा मंत्री ने रामचरित मानस को नफरत फैलाने वाला ग्रंथ बताया और फिर जगदानंद सिंह ने उसका समर्थन किया उससे सनातन धर्म का अपमान हुआ है। इसलिए दोनों के खिलाफ परिवाद दायर किय गया है।
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इस बयान से शुरू हुआ था विवाद
दरअसल 11 जनवरी को नालंदा खुला विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह के दौरान शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर ने एक बयान दिया था। जिसमें उन्होंने कहा था कि धार्मिक ग्रंथों ने समाज में जातिवाद का जहर फैलाया है। एक युग में मनुस्मृति ने जहर फैलाया। उसके बाद रामचरित मानस ने जहर फैलाया।इसके बाद गोलवलकर के बंच ऑफ थॉट्स ने यही काम किया। साथ ही उन्होंने रामायण की एक चौपाई “अधम जाति में विद्या पाए,भयहु यथा अहि दूध पिलाए” का जिक्र करते हुए भी उससे आपत्ति जताई थी।
उन्होंने कहा था कि इस चौपाई का मतलब ये है कि निचले जाती के लोग ज्ञान प्राप्त कर सांप के समान जहरीले हो जाते हैं। इसी बयान को लेकर विवाद बढ़ता चला गया लेकिन अपने इसी बयान पर वो आज भी कायम है। वही जगदानंद सिंह भी समर्थन में कूद पड़े थे। जिसे लेकर अब दोनों के खिलाफ परिवाद दायर किया जा चुका है। अब दोनों की मुश्किलें बढ़नी लगभग तय है ।