पटना. पूर्व विधान पार्षद और भाजपा के वरिष्ठ नेता प्रो. रणबीर नंदन ने तेजस्वी यादव द्वारा भाजपा पर किए हमलों का करारा जवाब दिया है। प्रो. नंदन ने कहा कि तेजस्वी यादव की स्मृति में भी वो बिहार नहीं होगा, जो हास्य और आतंक का पर्याय था। बिहार के बारे में उनकी जानकारी सीमित है और बिहारियों ने राजद के कार्यकाल में क्या क्या भोगा है, यह तेजस्वी यादव समझ नहीं पाएंगे। तेजस्वी यादव आज भी सिर्फ इतना बता दें कि राजद के कार्यकाल में बिहार और बिहारियों के लिए क्या सकारात्मक हुआ है। पूरा बिहार जानता है कि इस सवाल का जवाब तेजस्वी यादव और राजद के नेता दे नहीं पाएंगे।
प्रो. नंदन ने कहा कि राजद के कार्यकाल में सड़कें गड्ढों में विलीन थीं। रोजगार के नाम पर अपहरण उद्योग बन गया था। अपराधी बिहार के ठेकेदार बन गए थे। बिजली से बिहार कोसों दूर था। शिक्षा व्यवस्था चरवाहा विद्यालयों में दम तोड़ रही थी। तो बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था आईसीयू और वेंटिलेटर पर थी। बिहार में नकारात्मकता का एक ऐसी लहर राजद के कार्यकाल में सरकार ने दौड़ा दी जिससे बिहार का उबरना असंभव लगता था। लेकिन एनडीए की सरकार बनने के बाद बिहार की अंधेरी किस्मत में रौशनी की किरण आई और बिहार एक बार फिर पुराने गौरव की ओर चल पड़ा है।
प्रो. नंदन ने कहा कि तेजस्वी यादव भाजपा या किसी और पर क्या बोलेंगे। आज वास्तविक स्थिति यह है कि तेजस्वी यादव और राजद अपने राजनीतिक अस्तित्व की जंग बचाने के लिए जूझ रहे हैं। तेजस्वी यादव की हिम्मत नहीं है कि वे उस पटना से चुनाव लड़ लें जहां वे वोटर हैं। या फिर अपने गृह जिले से लड़ लें। तेजस्वी यादव के भाई को पिछले चुनाव में महुआ सीट से भागना पड़ा था। इस बार तेजस्वी यादव को भी राघोपुर से भागना पड़ेगा। लोकसभा चुनाव में जो कसर रह गई है वो बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में पूरी हो जाएगी।