जदयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। पार्टी की ओर से उन पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते ही उन्होंने इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने अपने हाथ से लिखित इस्तीफा दिया है और वो भी सिर्फ एक लाइन का है।
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नीतीश ने किया पक्षपात
आरसीपी सिंह ने नीतीश कुमार पर आरोप लगाते हुए आरसीपी सिंह ने कहा जब अटल बिहारी वाजपेई की सरकार थी तो नीतीश कुमार के पास कितने सांसद थे? उसके बावजूद भी उस पार्टी के लोगों ने इन्हें केंद्र में रेलवे मंत्रालय दिया। उन्होंने नीतीश कुमार पर पक्षपात करने का आरोप लगाया।
आरसीपी ने नीतीश को दिया ‘श्राप’
पार्टी से नाराज आरसीपी सिंह ने इसके लिए सीधे नीतीश कुमार को जिम्मेदार ठहराया है। नीतीश कुमार की महत्वकांक्षा पर हमला करते हुए आरसीपी ने एक तरह से नीतीश कुमार को श्राप देते हुए कहा कि वे सात जन्मों में पीएम नहीं बन सकते। उन्होंने कहा कि जिसका खुद के घर शीशा का हो वह दूसरे के घरों में पत्थर नही मारा करते।
नीतीश की योग्यता पर उठाए सवाल
वैसे तो नीतीश की पार्टी का हर नेता बस यही कहता रहता है कि जदयू में सिर्फ एक ही नेता नीतीश कुमार हैं। साथ ही यह भी बयान आम है कि बिहार में सीएम पद के लिए कोई वैकेंसी नहीं है। लेकिन आरसीपी ने इस्तीफा देने के साथ ही इन बयानों को कटघरे में खड़ा कर दिया। आरसीपी ने कहा कि नीतीश कुमार को बिहार का मुख्यमंत्री बनाने में बीजेपी की अहम भूमिका है। अटल-आडवाणी की बदौलत ही नीतीश कुमार बिहार के मुख्यमंत्री बने थे।