बिहार में शराबबंदी को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नए-नए नियम कानून बनाने में उलझे हुए हैं। विपक्ष के हर नेता शराबबंदी को नीतीश कुमार पे हमला करने के लिए ब्रह्मास्त्र की तरह प्रयोग कर रहे हैं। ये ब्रह्मास्त्र अब नीतीश कुमार के अपने नेताओं के तर्कश में भी देखने को मिल रहा है और वो भी इसका प्रयोग करने से नहीं चूक रहे हैं। हाल ऐसा है कि खुद नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू के नेता भी उपेंद्र कुशवाहा भी शराबंदी को विफल बता दिया। वही महागठबंधन के घटक दल हम के नेता जीतन राम मांझी ने तो नीतीश कुमार को अजीबो-गरीब सलाह दे डाली। उन्होंने कहा था की एक क्वाटर शराब पीने वालों पर कार्रवाई नहीं करनी चाहिए। इन सभी बयानों के बीच अब पूर्व केन्द्रीय मंत्री RCP सिंह की भी एंट्री हो गई है। उन्होंने शराब को लेकर एक नई थ्योरी सामने रखी है।
बिहार के विकास के लिए जरुरी शराब
जब से पूर्व केन्द्रीय मंत्री RCP सिंह ने जेडीयू का दमन छोड़ा है तब से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को अपने टारगेट पर ले रखा है। शराबबंदी कानून को लेकर नीतीश कुमार पर बयानबाजी के सिलसिले के बीच RCP सिंह भी बहती गंगा में हाथ धोने उतर पड़े। उन्होंने नीतीश कुमार पर हमला बोलते हुए बिहार के विकास और शराब के बीच गहरा संबंध वाली थ्योरी पेश की है। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार शराब बंदी को को लेकर जिद्द पर अड़े हुए हैं। उन्हें अपनी जिद्द छोड़ देनी चाहिए और शराबंदी कानून को खत्म कर देना चाहिए। साथ ही ये भी कहा कि शराब बंदी के कारण बिहार का विकास रुका हुआ है। इस कानून बिहार के राजस्व को बड़ा नुसकान हो रहा है। कानून खत्म होने के फिर से शराब चालु कर देना चाहिए।