बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 15 अगस्त को गांधी मैदान से राज्य के 12 लाख बेरोजगार युवाओं को सरकारी नौकरी देने का बड़ा वादा किया था। इस वादे को निभाने के लिए राज्य सरकार ने कमर कस ली है और तेज़ी से भर्ती प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए कई अहम कदम उठाए हैं।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर राज्य सरकार ने सभी विभागों और जिलों से सरकारी पदों की रिक्तियों का पूरा ब्योरा मंगाया। सरकार को मिले आंकड़ों के अनुसार, वर्तमान में राज्य में 16 लाख 27 हजार स्वीकृत पदों में से करीब 4.73 लाख पद खाली हैं। इन खाली पदों में सबसे ज्यादा रिक्तियां शिक्षा विभाग में हैं, जहां 2 लाख 17 हजार पद खाली पड़े हैं। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग में 65 हजार पद रिक्त हैं, जबकि पुलिस विभाग में भी 42 हजार से अधिक पदों पर बहाली की योजना है।
सरकार ने बीपीएससी और अन्य भर्ती एजेंसियों को खाली पदों पर नियुक्ति के लिए तत्काल अधियाचना भेजने का निर्देश दिया है, ताकि जल्द से जल्द इन रिक्तियों को भरा जा सके। इसके अलावा, सरकार कई नए पदों के सृजन की भी योजना बना रही है। खेल विभाग को कला-संस्कृति विभाग से अलग करके नए पद सृजित किए जा रहे हैं। इसके साथ ही, पथ निर्माण, पीएचईडी, साइंस एंड टेक्नोलॉजी, और आईटी जैसे तकनीकी विभागों में भी नए पद सृजित करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।
सरकार का उद्देश्य है कि अगले एक साल के भीतर राज्य में 12 लाख से अधिक बेरोजगार युवाओं को सरकारी नौकरी देकर उन्हें रोजगार के अवसर प्रदान किए जाएं। इस बड़े कदम से न सिर्फ राज्य की अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा, बल्कि युवाओं को भी अपने भविष्य को सुरक्षित करने का अवसर मिलेगा।
नीतीश कुमार के इस फैसले को लेकर राज्य के युवाओं में खासा उत्साह है, और वे सरकार के इस कदम का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। नौकरी की बहाली से न केवल बेरोजगारों को रोजगार मिलेगा, बल्कि विभिन्न सरकारी विभागों में कर्मचारियों की कमी भी पूरी होगी, जिससे सरकारी सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार होगा