बिहार में रियल एस्टेट सेक्टर में होने वाली अनियमितताओं पर अब रेरा (RERA) ने सख्त कार्रवाई करने का निर्णय लिया है। रेरा ने स्पष्ट किया है कि अगर बिल्डर्स तय समयसीमा के अंदर फ्लैट्स का कब्जा उपभोक्ताओं को नहीं देते हैं, तो उन्हें भारी जुर्माने का सामना करना पड़ेगा।
रेरा द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, किसी भी बिल्डर द्वारा एग्रीमेंट में तय समय सीमा के 6 महीने बाद तक फ्लैट्स नहीं सौंपे जाने पर 4 लाख रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। इसी प्रकार, अगर देरी 6 से 10 महीने तक होती है, तो 10 लाख रुपये, और एक साल से अधिक की देरी पर 20 लाख रुपये का जुर्माना निर्धारित किया गया है।
इसके अलावा, रेरा अधिनियम की धारा 4 (2) (एल) (डी) के तहत प्रोजेक्ट पूरा होने के बाद 6 महीने के अंदर ऑडिटेड अकाउंट जमा करना अनिवार्य है। इसमें देरी होने पर बिल्डर को 50 हजार रुपये का जुर्माना भरना होगा।
गौरतलब है कि हाल ही में रेरा ने बिहार में निबंधित रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स और प्रमोटर्स-बिल्डर्स की रैंकिंग भी जारी की है, जिसे उनकी आधिकारिक वेबसाइट पर देखा जा सकता है। इस रैंकिंग में प्रोजेक्ट्स की प्रगति, धन के उपयोग, और प्रमोटर के खिलाफ शिकायतों जैसे मापदंडों को ध्यान में रखा गया है