बिहार जातीय गणना के बाद आरक्षण के दायरे को बढ़ाया गया था। तब सरकार में नीतीश कुमार के साथ तेजस्वी यादव और कांग्रेस थे। लेकिन अब इस फैसले को पटना हाई कोर्ट ने रद्द कर दिया है। आपको बता दें कि महागठबंधन की सरकार ने बिहार में जातीय गणना कराने के बाद आरक्षण की सीमा को बढ़ाकर 65 फीसदी कर दिया था। ईडब्यूएस का आरक्षण इससे अलग है। यानि बिहार में आरक्षण की सीमा को बढ़ाकर 75 फीसदी कर दिया गया था।
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9 नवंबर 2023 को बिहार सरकार ने बिहार में आरक्षण की सीमा को बढ़ाया था। इसके बाद ओबीसी, ईबीसी, दलित और आदिवासियों का आरक्षण 65 फीसदी कर दिया था। इसके बाद इस मामले को लेकर पटना हाई कोर्ट में याचिका दायर हुई थी। इसके बाद कोर्ट में इस मामले की सुनवाई शुरू हुई। इस दौरान 11 मार्च को सुनवाई पूरी हो गई थी। लेकिन अदालत ने तब फैसला सुरक्षित रख लिया था।
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