2024 के लोकसभा चुनाव से पहले कई राजनीतिक दलों की स्थिति बदल गई है। आम आदमी पार्टी (AAP) को प्रमोशन मिला है तो ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस, शरद पवार की एनसीपी और सीपीआई का डिमोशन हो गया है। बिहार में मौजूद राजनीतिक दलों की सेहत पर वैसे तो खास असर नहीं दिख रहा है। लेकिन प्रमोशन पाने वाली AAP और बिहार की सत्तारुढ़ RJD में कुछ समानताएं हो गई हैं। वैसे तो AAP प्रमोशन पाकर राष्ट्रीय पार्टी बन गई है और RJD राष्ट्रीय पार्टी नहीं है। लेकिन इसके बावजूद कुछ पैरामीटर्स ऐसे हैं, जहां दोनों पार्टियां समान रूप से सक्रिय हैं।
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2 राज्यों में सरकार
AAP के पास दो राज्यों में सरकार है। दिल्ली में खुद आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल सीएम हैं तो पंजाब में AAP के कद्दावर नेता बन चुके भगवंत मान के पास सीएम की कुर्सी है। वैसे तो राजद के पास भी दो राज्यों में सरकार है लेकिन दोनों राज्यों में कहीं भी राजद के पास सीएम नहीं है। बिहार में सबसे बड़ी पार्टी होने के बावजूद राजद के पास डिप्टी सीएम का पोस्ट है। जबकि झारखंड में राजद हेमंत सरकार की सहयोगी है।
लोकसभा में एक समान
भले ही AAP को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिल गया है, दो राज्यों में सरकार है, राज्यसभा में सांसद हैं लेकिन लोकसभा में AAP के पास एक भी सांसद नहीं है। 2019 के चुनाव में AAP ने पंजाब के संगरुर सीट से जीत जरुर दर्ज की थी। लेकिन उस सीट से जीते सांसद भगवंत मान पंजाब के सीएम बन गए। सीट खाली हुई तो उपचुनाव हुआ। लेकिन सरकार बनने के बाद भी AAP उपचुनाव हार गई। इस तरह लोकसभा में AAP का कोई सांसद नहीं रहा। यही हाल RJD का भी है। 2019 में राजद का कोई नेता चुनाव नहीं जीत सका। हालांकि AAP की तरह RJD के पास राज्यसभा में सांसद हैं। AAP के पास राज्यसभा में 10 सांसद हैं तो RJD के पास राज्यसभा में छह सांसद हैं।