बिहार के शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर के रामचरितमानस पर दिए गए बयान पर विवाद बढ़ता ही चला जा है। बयान को लेकर जेडीयू और राजद के रिश्तों में खटास देखने को भी मिल रही है। अभीतक दोनों की तरफ से दबे अंदाज में ही बयानी खटपट चल रही थी। लेकिन अब दोनों तरफ के नेता खुल कर बोलते नजर आ रहे हैं। जेडीयू शुरू से ही शिक्षक मंत्री के बयान को गलत बताते आ रही है। वही उनपर राजद नेतृत्व द्वारा कार्रवाई किए जाने की बाट जो रही है। लेकिन अब जेडीयू का धैर्य जवाब देने लगा है।
जिसकी झलक उनके नेताओं के बयान में साफ देखने को मिल रही है। जबकि राजद शिक्षा मंत्री के बयान पर रक्षात्मक रुख अपनाए हुए हैं। राजद का मानना है कि शिक्षा मंत्री ने कुछ भी गलत नहीं बोला है। हालत ऐसी हो गयी है कि राजद द्वारा जेडीयू को रामचरितमानस का पूरा अर्थ समझा दिए जाने की चुनौती भी दी जा रही है।
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“RJD के कुछ नेता BJP के एजेंडे पर चल रहे”
जेडीयू के प्रवक्ता अभिषेक झा ने कहा कि इस बात से कोई इनकार नहीं कर सकता कि राष्ट्रीय जनता दल के कुछ नेताओं द्वारा हमारे मुखिया और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के ऊपर टिप्पणी की जा रही है। जिसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। राजद कोटे से शिक्षा मंत्री द्वारा धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने की कोशिश की गई है और राजद के कुछ वरिष्ठ लोगों ने उनका समर्थन भी किया। ये महागठबंधन को असली मुद्दों से भटकने की साजिश है।
उन्होंने कहा कि राजद के कुछ नेता भारतीय जनता पार्टी के एजेंडे पर चल रहे हैं और महागठबंधन की जड़ में मट्ठा डालने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें पूरा उम्मीद है कि पूरा मसला उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के संज्ञान में हैं और वो आने वाले समय में ऐसे नेताओं पर लगाम लगाएंगे और कर्रवाई सुनिश्चित करेंगे। ताकि महागठबंधन जिन मुद्दों को लेकर आगे चल रहा है वो कहीं गायब ना हो।
RJD का पलटवार, दे डाली चुनौती
राजद की तरफ से जेडीयू के प्रवक्ता अभिषेक झा के बयान पर पलटवार किया गया। राजद के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि हमारे नेता तेजस्वी यादव ने अपना रुख कल स्पष्ट कर दिया था साथ ही उन्होंने बयानवीरों को चेतावनी भी दे दी है। मृत्युंजय तिवारी ने आगे कहा कि भाजपा इस तरीके के भावनात्मक मुद्दों को हवा देना चाहती है, उसके झांसे में हमारे सहयोगी ना फंसे तो बेहतर है। महागठबंधन की नीतीश-तेजस्वी सरकार महा मजबूती से चल रही है और लोगों के भलाई के लिए काम कर रही है।उन्होंने आगे कहा कि जिनको रामचरितमानस का अधूरा ज्ञान है उन को खुली चुनौती है की पटना के महावीर मंदिर में आ जाए वहां उन्हें रामचरितमानस का पूरा अर्थ समझा दिया जाएगा।
शिक्षा मंत्री ने कहीं कुछ ऐसी बात नहीं कही है। जब तेजस्वी यादव ने स्पष्ट कर दिया कि हम सभी धर्म ग्रंथों का सम्मान करते हैं इसके बाद कहीं कोई विवाद का प्रश्न ही नहीं है। अगर इसके बाद भी कोई बयान दे रहे हैं तो इसका मतलब है कहीं पर निगाहें और कहीं पर निशाना है, ऐसे लोग कहीं और से लिखी हुई स्क्रिप्ट लिखा बोला रहे हैं। मुंह में राम बगल में छुरी वालों से हमेशा हमारी दूरी रही है और हमेशा रहेगी। उन्होंने आगे कहा कि जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन बाबु ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि ये राजद का आंतरिक मामला है और राजद का नेतृत्व इस पर कर्रवाई करने के लिए सक्षम है। उसी तरह यदि हमारे सहयोगी दलों में कोई बयानवीर बन के बयान दे रहा है तो उनका नेतृत्व भी इस मामले को देखने के लिए सक्षम है।