बिहार में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी सरगर्मी तेज हो गई है। एक ओर जेडीयू ने जहां नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के नेतृत्व में चुनाव लड़ने का ऐलान किया है, वहीं राजद नेता भाई वीरेंद्र ने नीतीश कुमार को लेकर बड़ा दावा किया है। उनका कहना है कि नीतीश कुमार एक बार फिर से तेजस्वी यादव को आशीर्वाद देंगे। राजद नेता भाई वीरेंद्र ने नीतीश कुमार के मीडिया से दूरी बनाए रखने पर भी सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि नीतीश कुमार के चुप्पी के पीछे कई वजहें हो सकती हैं। भाई वीरेंद्र ने कहा कि नीतीश कुमार चुप क्यों हैं, इसका जवाब तो वही दे सकते हैं। लेकिन एक बात तो साफ है कि उनके दिमाग में बहुत कुछ चल रहा है।
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उन्होंने कहा कि कभी-कभी रात में नीतीश कुमार सोचते होंगे कि वे किस फेरे में पड़ गए। देशद्रोहियों के साथ हाथ मिला लिया। जिन्होंने देश के साथ गद्दारी की थी। नीतीश कुमार जब इतिहास पलटते हैं तो उन्हें याद आता होगा कि बीजेपी और जनसंघ के लोग वही हैं जिन्होंने आजादी की लड़ाई में अंग्रेजों का साथ दिया था। यह सब याद कर नीतीश कुमार चौंक जाते होंगे। रात में उनकी नींद भी टूट जाती होगी। सपने में भी आता होगा कि देशद्रोहियों के साथ नहीं रहना चाहिए। इसलिए उन्होंने चुप्पी साध रखी है। देखते हैं आगे क्या होता है।
भाई वीरेंद्र ने यह भी दावा किया कि नीतीश कुमार एक बार फिर से राजद के साथ आ सकते हैं। उन्होंने कहा कि पहले भी तो आए हैं, नई बात थोड़ी है। समाजवादी रहे हैं, समाजवादियों के साथ रहेंगे। उन्होंने आगे कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक बार फिर से भतीजे तेजस्वी यादव को आशीर्वाद देंगे। नीतीश कुमार ने तेजस्वी यादव को अपनी गोदी में खेलाया है। ये बात भी उन्हें याद है।
तेजस्वी यादव का विकास के मॉडल पर चर्चा करना हास्यास्पद लगता है : प्रशांत किशोर
नीतीश कुमार की चुप्पी पर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने भी सवाल उठाया है। उन्होंने एक्स पर लिखा है कि मुख्यमंत्री जी ने अपने आवास में ग्रामीण विकास विभाग अंतर्गत हजारों करोड की विभिन्न योजनाओं संबंधित कार्यक्रम में भाग लिया। कार्यक्रम के प्रचार-प्रसार और विज्ञापन में सरकार ने करोड़ों रुपए पानी की तरह बहाए। वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से सभी जिलाधिकारी कार्यक्रम से जुड़े थे।
लेकिन मुख्यमंत्री के बिना एक शब्द बोले महज 9 मिनट में ही कार्यक्रम खत्म कर दिया गया।अतिथि और बाकी मंत्री बिना चाय पिए और एक शब्द बोले वापस चले गए। आशा करते है कि सब सही और स्वस्थ है? मुख्य सचिव कार्यक्रम में थे नहीं या बुलाया नहीं गया था? अधिकारियों ने मुख्यमंत्री के बोलने पर पाबंदी लगा दी है। मीडिया और पब्लिक से संवाद खत्म करा दिया है। जो कार्यक्रम होगा, CM के घर में ही होगा और स्थायी चुनिंदा अधिकारी ही रहेंगे।