बिहार के पीएचईडी विभाग (PHED Department) में करोड़ों का ठेका रद्द करने का मामला सामने आया है। विभागीय मंत्री नीरज बबलू का इस पर बयान भी आया है। उन्होंने बताया कि गड़बड़ियों के कारण पुराना टेंडर कैंसिल किया गया है। उन्होंने कहा कि महागठबंधन की सरकार में जो टेंडर किया गया उसमें काफी गड़बड़ी थी। पीएचईडी विभाग में टेंडर कैंसिल होने के बाद राजद नेताओं की ओर से इस पार प्रतिक्रिया आई है।
राजद नेता और प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि ऐसी मानसिकता से राजनीति नहीं करनी चाहिए। आज वे सत्ता में हैं, कल हम सत्ता में होंगे। 17 महीने में तेजस्वी यादव ने बहुत काम किया है। ऐसा नहीं होना चाहिए। उन्होंने सत्ता पक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि आप पुराने कामों को रद्द कर रहे हैं तो जो नौकरियां दी गई हैं उन्हें भी रद्द कर देंगे। यह बिहार की जनता के साथ धोखा है। सत्ता के उलटफेर में जनता पिस रही है, सरकार को इस बात का ध्यान रखना चाहिए।
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बिहार के विकास की बात हो तो कोई भी राजनीति नहीं होनी चाहिए। ईर्ष्या के कारण वे बिहार के विकास में बाधक बन रहे हैं। यह भी संभव है कि टेंडर रद्द होने तक तेजस्वी यादव फिर से सत्ता में आ जाएं। वहीं आरजेडी विधायक और पूर्व पीएचईडी मंत्री ललित यादव ने कहा कि टेंडर में मंत्री की कोई भूमिका नहीं होती है। अधिकारियों ने ही टेंडर किया था। हमलोगों के कार्यकाल में 17 महीनें की सरकार में 17 लाख का भी टेंडर नहीं हुआ था।
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बता दें कि महागठबंधन सरकार के दौरान 826 करोड़ के 350 ठेके रद्द किए गए हैं। 1160 में से 350 टेंडर में गड़बड़ी मिली है। हर घर नल का जल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का सपना है और हम सपने को पूरा करने में जुटे हैं। नल जल योजना में कई जगह गड़बड़ी और शिकायत थी। हमलोग बहुत जल्द फ्रैश टेंडर निकालेंगे। 6 महीना में नल जल की व्यवस्था ठीक हो इसलिए फिर से नया टेंडर निकाला जा रहा है।