बिहार विधान मंडल का बजट सत्र चल रहा है। एक ओर विपक्ष बिजली की बढ़ी कीमतों पर सरकार को घेरने में लगी हुई है। वही सत्ता पक्ष के कुछ विधायक भी अपनी सरकार की पोल खोलने में लगे हुए है। आज कुछ ऐसा ही नजारा बिहार विधानसभा में देखने को मिला। प्रशासन व्यवस्था के मुद्दे पर सत्ता पक्ष के ही विधायकों ने सवाल खड़ा किया है। साथ ही भ्रष्ट हो रही प्रशासन का भी मुद्दा उठाया है। इसकी शुरुआत राजद विधायक भाई बिरेन्द्र ने की। उन्होंने कहा कि बिना चढ़ावा दिए थाने में एफआईआर दर्ज नहीं होता है या फिर जबतक कोई पॉलिटिकल दबाव नहीं होता है तबतक केस दर्ज नहीं किया जाता है।
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“बिना चढ़ावा दर्ज नहीं होता केस”
आज प्रश्नकाल के दौरान राजद विधायक भाई बिरेन्द्र ने प्रशासन की मनमानी को लेकर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि आज स्थिति ऐसी है कि थाने में आवेदन करने के बाद भी आम लोगों का केस दर्ज नहीं होता है। आवेदन देने के बाद पुलिस चढ़ावे का इंतजार करती है। इसके अलावे जब तक कोई पॉलिटिकल प्रेशर नहीं बनाया जाता है तब तक केस दर्ज नहीं किया जाता है। कुछ भ्रष्ट पुलिस अधिकारी सरकार को बदनाम करने का काम कर रहे हैं। ऐसे अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए।
इन विधायकों ने भी उठाया सवाल
इसके आलावा राजद विधायक ऋषि यादव ने अपने क्षेत्र का सवाल उठाते हुए कहा कि, हमारे इलाके की पुलिस मोबाइल टावर का बीटीएस पावर कार्ड चोरी हो गया। इसको लेकर थाने में शिकायत करने पर भी एफआइआर दर्ज नहीं की गई। जबकि कांग्रेस विधायक विजय शंकर दूबे ने भी सदन में कहा कि आज अजीब स्थिति हो गई है। आज लोगों को थाने हाजत में कई दिनों तक बंद कर रखा जाता है। 3-4 दिनों के बाद कोर्ट में पेश किया जाता है, जबकि 24 घंटे के अंदर कोर्ट में पेश किया जाना चाहिए। राजद विधायक प्रह्लाद यादव ने कहा कि जब सबकुछ कोर्ट ही करेगी तब फिर थाना किस लिए है, थाने पर सरकार का पैसा खर्च होता है. थाना में अगर केस नहीं होगा तो फिर पुलिस थाना किस काम का