बिहार का चौथा कृषि रोड मैप लांच हो चुका है। इस लांच के गवाह बिहार के सीएम नीतीश कुमार, डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव, कृषि मंत्री कुमार सर्वजीत के साथ राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और बिहार के राज्यपाल विश्वनाथ आर्लेकर भी रहे। इतने भव्य समारोह में लांचिंग के बाद भी नीतीश कुमार का यह ड्रीम प्रोजेक्ट सवालों के घेरे में आ गया है। सवाल सिर्फ विपक्ष नहीं उठा रहा है, बल्कि सवाल राजद के विधायक ही उठा रहे हैं। राजद सरकार का हिस्सा तो है ही साथ ही कृषि विभाग भी राजद के पास ही है। ऐसे में राजद विधायक का सवाल उठाने से विपक्ष को नया मुद्दा मिल गया है। वो भी जब विधायक भी इसी सरकार में कृषि मंत्री रहे हों, तो आरोपों की संजीदगी और बढ़ जाती है।
पूर्व कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने उठाए सवाल
नीतीश कुमार की सरकार और सरकारी व्यवस्था पर सवाल उठाकर कृषि मंत्री की कुर्सी गंवा चुके सुधाकर सिंह ने एक बार फिर चौथे कृषि रोड मैप के जरिए नीतीश सरकार पर सवाल उठा दिए हैं। सुधाकर सिंह का कहना है कि तीन कृषि रोड मैप तो पूरी तरह से फेल हैं। राज्यपाल ने कल मेरी बातों को सत्यापित किया है। महामहिम राज्यपाल ने मंच से कहा कि कृषि रोड मैप सिर्फ कागजों में ही ना रह जाए बल्कि धरती पर उतारा जाए। पूर्व कृषि मंत्री ने कहा कि आप मंडी कानून की कोई बात नहीं करते हैं। MSP पर खरीद में भी आंकड़े की हेरा-फेरी है।
बिहार से किसानों का भी पलायन : सुधाकर
बिहार से पलायन एक आम समस्या बन चुकी है। राज्य सरकार की हाल ही में जारी गणना की रिपोर्ट बताती है कि बिहार के लगभग 4 फीसदी लोग अस्थायी रूप से राज्य के बाहर निवास करते हैं। इनमें शिक्षा के लिए पलायन करने वालों की संख्या शामिल नहीं है। उधर पूर्व कृषि मंत्री सुधाकर सिंह का कहना है कि बिहार से किसानों का भी पलायन हो रहा है और इसके पीछे सुधाकर सिंह सरकार को ही जिम्मेदार बता रहे हैं। सुधाकर सिंह का कहना है कि बिहार में किसानों की आमदनी पंजाब के किसानों के मुकाबले 3.5 से चार गुणा कम है। इसकी बड़ी वजह यह है कि बिहार में एमएसपी पर खरीद नहीं होती है। मंडी नहीं होने से किसानों को कोई लाभ नहीं हो रहा है लेकिन इस पर कोई बात नहीं हो रही है। इसी कारण किसान पलायन कर रहे हैं।