सीएम नीतीश कुमार पर पिछले दिनों विरोधियों के साथ गठबंधन दलों के नेताओं ने भी हमले किए हैं। इसमें टॉप और फ्रंट पर रहे हैं RJD के नेता। पूर्व मंत्री सुधाकर सिंह, विधायक विजय मंडल ने नीतीश कुमार के पूरे राजनीतिक अस्तित्व पर प्रश्न खड़ा कर दिया है। जबकि RJD नीतीश कुमार को PM पद का उम्मीदवार प्रोजेक्ट करना चाह रही है। लेकिन अब सीएम नीतीश कुमार का बदला लेने की तैयारी डिप्टी सीएम और राजद के तेजस्वी यादव ने कर ली है। तेजस्वी यादव चुन चुन कर हर वार का बदला लेंगे।
सुधाकर सिंह पर अचानक क्यों बरस पड़े तेजस्वी यादव, जानिए कारण
सुधाकर सिंह को थमाया नोटिस
पूर्व मंत्री व राजद विधायक सुधाकर सिंह ने नीतीश कुमार की नीतियों को कोसते कोसते उन्हें शिखंडी तक कह दिया। तेजस्वी यादव लगातार इससे नाराज थे। अब सुधाकर से नाराज RJD ने सुधाकर सिंह के बयानों को नोटिस में लेते हुए उन्हें कारण बताओ नोटिस थमा दिया है। नोटिस के अनुसार 15 दिनों में उन्हें स्पष्टीकरण देना है।
तेजस्वी ने किया था कार्रवाई का दावा
सुधाकर सिंह की बयानबाजियों से तेजस्वी यादव नाराज थे। RJD ने तय किया था कि महागठबंधन के बारे में सिर्फ लालू यादव बोलेंगे या तेजस्वी यादव। पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारिणी, प्रदेश कार्यकारिणी समेत किसी भी नेता को महागठबंधन पर बोलने की इजाजत नहीं थी। लेकिन सुधाकर नहीं माने और लगातार नीतीश कुमार पर हमला करते गए। इसके बाद अब पार्टी ने उनके खिलाफ कार्रवाई करने का मन बना लिया है।
JDU लगातार बना रही थी दबाव
गठबंधन में शामिल विधायकों द्वारा सीएम पर किए जा रहे हमले को JDU ने प्रतिष्ठा का प्रश्न बना लिया था। JDU लगातार यही कह रही थी RJD नेतृत्व अपने विधायकों पर कार्रवाई करे। कार्रवाई नहीं करने पर उपेंद्र कुशवाहा ने तो यह भी आरोप लगा दिया था कि राजद और भाजपा में सांठ-गांठ का अंदेशा है। हालांकि इस कार्रवाई का कितना अससर गठबंधन के रिश्तों पर पड़ेगा, यह कार्रवाई के बाद पता चलेगा। क्योंकि सुधाकर सिंह ने सीएम नीतीश के लिए जितनी बातें कहीं हैं, उसमें माफी की गुंजाइश है नहीं।
नीतीश पर सुधाकर सिंह के हमले
- 12 सितंबर 2022 : मंत्रियों की नहीं सुनते हैं सीएम नीतीश कुमार। कृषि विभाग में सभी अधिकारी चोर हैं और वे चोरों के सरदार हैं।
- 13 सितंबर 2022 : कैबिनेट मीटिंग में नीतीश कुमार ने तत्कालीन मंत्री सुधाकर सिंह से कहा कि बयान देने से पहले जांच करा लेते। आप नहीं कराते तो हम अपने स्तर से करा देते। इतना सुनना था कि सीएम की नसीहत पर बिगड़े मंत्री कैबिनेट की बैठक छोड़कर निकल गए। डिप्टी सीएम के साथ अन्य सभी मंत्री आवाक रह गए। इस दौरान सीएम ने उन्हें समझाने का प्रयास भी किया। लेकिन तैश में मंत्री ने किसी की नहीं सुनी और बैठक से बाहर निकल गए।
- 14 सितंबर 2022 : तत्कालीन मंत्री सुधाकर सिंह ने सरकारों के खेल से कोई बचा है क्या? शहाबुद्दीन जेल में रहे और वहीं उनकी मौत हो गई। 17 सालों में बहुत सहा है बिहार ने। 17 सालों में शहाबुद्दीन, आनंद मोहन, जॉर्ज साहब, दिग्विजय सिंह सबने बहुत झेला है। मैंने भी झेला है। जेल तक भेज दिया गया हूं। लेकिन जब तक मंत्री हूं, विभाग को खूंटा ठोक के चलाउंगा।
- 25 सितंबर 2022 : नीतीश कुमार के कृषि रोड मैप से किसानों को कोई लाभ नहीं हुआ है। इस रोड मैप के आंकड़े काफी निराशाजनक हैं। पिछले 10 सालों में ना तो उत्पादन में ना ही किसानों की आय में बढ़ोतरी हुई है। बल्कि इसके उलट इस वित्तीय वर्ष में करीब 1 लाख टन तक उत्पादन घट गया है।
- 26 सितंबर 2022 : 17 सालों में बिहार का सिस्टम जर्जर हुआ है।
- 17 अक्टूबर 2022 : कुछ लोगों को लगता है स्वर्ग का रास्ता प्रधानमंत्री पद से होकर जाता है।
- 11 नवंबर 2022 : केंद्र और बिहार दोनों जगह एक-एक व्यक्ति की सरकार है और उनके आगे सभी लोग नतमस्तक हैं। देश की मौजूदा जो सरकार है वह भारत की सरकार या भाजपा की सरकार नहीं, बल्कि मोदी सरकार है। और बिहार में ‘नीतीशे कुमार’ की सरकार है। इन दोनों सरकारों में बाकी पार्टियां गौण हो गई हैं। जिन पार्टियों के जनाधार हैं, वह पार्टी भी गौण हो गई हैं। सिर्फ एक व्यक्ति के सामने हम सभी नतमस्तक हैं।
- 14 दिसंबर 2022 : सिर्फ कागजों पर है शराबबंदी, सच सुन के बौखला जाते हैं नीतीश कुमार।
- 31 दिसंबर 2022 : जब नीतीश कुमार कुर्सी से उतरेंगे तो उनके किए गए कार्यों का सही मूल्यांकन होगा और इतिहास उन्हें शिखंडी के रूप में देखेगा। नीतीश कुमार ने ही तेजस्वी यादव को सीएम बनने से रोक रखा है। तेजस्वी यादव राजद और महागठबंधन की ओर से सीएम पद के घोषित कैंडिडेट हैं। महागठबंधन की सरकार में नीतीश कुमार 2-4 महीने के लिए नाइट वॉचमैन के तौर पर सीएम बने थे। उसके बाद तेजस्वी जी को चीफ मिनिस्टर बनना था। लेकिन आज सरकार बने साढ़े 4 महीने से ज्यादा का वक्त बीत गया। लेकिन, नीतीश कुमार कुर्सी नहीं छोड़ रहे हैं।
- 03 जनवरी 2022 : नीतीश कुमार विशेष राज्य का दर्जा लेने के लिए एक कटोरा लेकर हमेशा दिल्ली जाते हैं। ऐसा भिखमंगा लोगों ने बहुत कम ही देखा होगा, जो 350 करोड़ के हवाई जहाज से चलता होगा और कटोरा लेकर भीख भी मांगता है। नीतीश कुमार को शर्म नहीं आती है। वे शर्म को घोल कर पी गए हैं।