चुनाव कोई भी हो, यह अलिखित विधान बन चुका है कि राजनीतिक दल उम्मीदवारों के चयन में जातीय समीकरण बखूबी साधने की कोशिश करते हैं। लालू यादव और राजद भी अपवाद नहीं है। कभी माई समीकरण वाली लालू यादव की पार्टी अब तेजस्वी युग में ए टू जेड का नारा भी देती है। लेकिन लोकसभा चुनाव 2024 में राजद और इसके राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू यादव पर आरोप लगा है कि उन्होंने राजपूतों के टिकट काटे हैं। आरोप यहीं खत्म नहीं हो रहे हैं, बल्कि आरोप यह भी लगा है कि भूमिहारों को खुश करने के लिए लालू यादव ने राजपूत उम्मीदवारों के टिकट काटे हैं।
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यह आरोप अभी राजद छोड़ने वाले छपरा के पूर्व विधायक रणधीर सिंह ने लगाया है। रणधीर सिंह ने महाराजगंज लोकसभा क्षेत्र के परिप्रेक्ष्य में यह आरोप लगाया है। राजद ने यह सीट कांग्रेस के लिए छोड़ दी, जहां से कांग्रेस ने आकाश प्रसाद सिंह को उम्मीदवार बनाया है। अखिलेश सिंह के बेटे आकाश भूमिहार हैं और राजपूत रणधीर सिंह का टिकट काटकर आकाश को उम्मीदवार बनाया गया है। वैसे राजपूत उम्मीदवार का टिकट काटकर भूमिहार को टिकट देने का काम लालू यादव ने सिर्फ महाराजगंज में नहीं किया है। बल्कि वैशाली में भी यही काम हुआ है। राजद ने वैशाली से पहली बार भूमिहार मुन्ना शुक्ला को उम्मीदवार बनाया है। जबकि वहां से टिकट के इच्छुक रामा सिंह पहले से थे और टिकट कटने के बाद वे लोजपा रामविलास में जा चुके हैं।
वैसे राजपूतों को बेटिकट कटने का आरोप राजद पर औरंगाबाद में भी लगा है। औरंगाबाद में अमूमन कांग्रेस ही लड़ती रही है और वहां से राजपूत जाति के उम्मीदवार ही उतरते रहे हैं। लेकिन इस बार राजद ने कांग्रेस से वह सीट अपने खाते में लेकर राजपूत उम्मीदवार को बेटिकट कर कुशवाहा जाति के अभय कुशवाहा को जदयू से राजद में शामिल करा कर उम्मीदवार बना दिया।