बिहार में विधानसभा का चुनाव साल 2025 में होना है। लेकिन अभी से ही मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर अलग-अलग राजनीतिक दलों के नेताओं के अरमान उफान मारने लगे हैं। एक ओर जहां महागठबंधन में गाहे-बगाहे तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनाने की बात जोर पकड़ने लगती है। वहीं अब भाजपा में भी मुख्यमंत्री पद की दावेदारी को लेकर हलचल होनी शुरू हो गई हैं। भाजपा के अंदर भी ‘बिहार का सीएम कैसा हो’ जैसे नारे लगना शुरू हो गए हैं। ये नारे जिस नेता के लिए लग रहे हैं वो कोई और नहीं भाजपा के सांसद और पूर्व केन्द्रीय मंत्री राजीव प्रताप रूडी हैं।
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BJP में अनदेखी से परेशान हैं रूडी?
सांसद राजीव प्रताप रूडी के सुर पिछले कुछ समय से अपनी ही पार्टी को लेकर बदले हुए हैं। हालांकि उन्होंने कभी भी अपनी पार्टी के विरोध में कुछ भी नहीं कहा है। लेकिन समय-समय पर पार्टी में अपनी अनदेखी को लेकर राजीव प्रताप रूडी का दर्द झलक ही जाता है। कुछ महीनों पहले उन्होंने खुले मंच से भी भाजपा में अपनी अनदेखी का जिक्र किया था। तभी से उन्हें लेकर अलग-अलग तरह के अंदाजे लगाए जा रहे थे। वहीं अब उनके समर्थक उन्हें मुख्यमंत्री के रूप में देखने के लिए उतावले हो रहे हैं। जिससे भाजपा में रहकर ही राजीव प्रताप रूडी की राह थोड़ी अलग होती हुई दिख रही है।
“बिहार का सीएम कैसा हो, राजीव प्रताप रूडी जैसा हो”
जहां एक ओर सारी राजनीतिक पार्टियां और उसके नेता अपना फोकस 2024 के लोकसभा चुनाव पर किए हुए हैं। वहीं राजीव प्रताप रूडी ने एक अभियान की शुरुआत की है, जिसका नाम एजेंडा 2025 हैं। इसके जरिए वो बिहार के हर जिले में जाकर वहां के लोगों को ये बताने का प्रयास कर रहे कि 2025 के विधानसभा चुनाव का एजेंडा क्या होना चाहिए। बीते दिनों मुजफ्फपुर में एजेंडा 2025 का कार्यक्रम हुआ। जिसमें राजीव प्रताप रूडी के समर्थकों ने “बिहार का सीएम कैसा हो, राजीव प्रताप रूडी जैसा हो” के नारे जमकर लगाए। इसके बाद से ही इस बात को लेकर चर्चाए तेज हैं कि एजेंडा 2025 के जरिए रूडी अपनी राजनीतिक भविष्य को सवारने की जुगत में तो नहीं हैं? या फिर भाजपा शीर्ष नेतृत्व का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करने का प्रयास कर रहे?