छपरा सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में दवा उपलब्ध होने के बाद भी बीती रात्रि एक मरीज से ₹500 की दवा बाहर से खरीदवाने के मामले में डीएम ने संज्ञान लिया है और जांच का आदेश दिया है। हालांकि इस घटना के संज्ञान में आने के बाद अस्पताल प्रशासन द्वारा उस मरीज को ₹500 का भुगतान किया गया है। वहीं इसके बाद पीड़ित मरीज के परिजन के द्वारा इस घटना की लिखित शिकायत अस्पताल उपाधीक्षक डॉ आर एन तिवारी से भी की है। इस घटना को लेकर अस्पताल प्रशासन के द्वारा रात्रि ड्यूटी पर मौजूद सभी अस्पताल कर्मियों पर शोकॉज नोटिस किया गया है।
अगर उनका जवाब उचित नहीं पाया जाता है तो उनके एक दिन के वेतन को काट लिया जाएगा। बताते चलें कि छपरा सदर अस्पताल के ओपीडी व इमरजेंसी वार्ड में भी बाहर की दवाएं लिखी जा रही है। जैसा कि बीते दिनों डीएम ने निरीक्षण के दौरान ओपीडी के एक पर्ची पर बाहर की दवा लिखी हुई पाई थी और जांच का आदेश दिया था।
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वहीं बीती रात्रि इमरजेंसी वार्ड में एक मरीज को लिखी गई सेफ्ट्रियाजोन की दवा अस्पताल में उपलब्ध रहते हुए एक कर्मी द्वारा वह दवा बाहर से खरीदवा कर मंगाई गई। जब उस मरीज के परिजन को पता चला कि यह दावा गवर्नमेंट सप्लाई में है तो बात सारण डीएम अमन समीर तक पहुंच गई और उनके द्वारा अस्पताल प्रशासन को जांच का आदेश देते हुए कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया।
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जिस पर अस्पताल प्रशासन में हड़कंप मच गया और अस्पताल प्रशासन के द्वारा उस मरीज को उसके द्वारा खरीदे गए ₹500 के दवा के बदले ₹500 का भुगतान नकद किया गया। इस मामले में पीड़ित मरीज तारा देवी के परिजन विकेश कुमार के द्वारा अस्पताल उपाधीक्षक को लिखित शिकायत भी की गई है। जिसके आधार पर अस्पताल प्रशासन के द्वारा अस्पताल कर्मियों पर शोकॉज नोटिस किया गया है। जिसके बाद अगले चरण में उनके एक दिन के वेतन पर रोक भी लगाई जा सकती है।