मुजफ्फरपुर जिले में शिक्षा विभाग की नीतियों के खिलाफ प्रदर्शन करने के आरोप में जिन 20 शिक्षकों का वेतन रोका गया था, उनका वेतन अब जारी करने का आदेश दिया गया है। हालांकि, इस फैसले के साथ कुछ शर्तें भी जुड़ी हुई हैं।
क्या हुआ था?
मार्च महीने में परिवर्तनकारी प्रारंभिक शिक्षक संघ के बैनर तले इन शिक्षकों ने खुदीराम बोस स्मारक स्थल पर लाठी लेकर प्रदर्शन किया था। इस घटना के बाद, तत्कालीन अपर मुख्य सचिव के आदेश पर इनका वेतन रोक दिया गया था।
नया आदेश
अब माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने एक पत्र जारी कर इन 20 शिक्षकों का अप्रैल महीने से बंद वेतन जारी करने का निर्देश दिया है। हालांकि, मार्च महीने के वेतन के संबंध में कहा गया है कि इस पर जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीपीओ) को समीक्षा कर निर्णय लेना होगा। डीपीओ को इन शिक्षकों से स्पष्टीकरण लेकर 15 दिनों के भीतर अपना निर्णय देना होगा।
क्या हैं शर्तें?
इसका मतलब है कि मार्च महीने के लिए शिक्षकों का वेतन तभी जारी होगा जब वे डीपीओ को संतुष्ट कर पाएंगे कि उन्होंने विभागीय नियमों का उल्लंघन नहीं किया है।
यह फैसला क्यों महत्वपूर्ण है?
यह फैसला शिक्षकों के हितों के लिए एक बड़ी जीत माना जा रहा है। हालांकि, साथ ही यह भी एक संदेश है कि प्रदर्शन के दौरान हिंसा का सहारा लेना उचित नहीं है।