बिहार विधानसभा में आज बजट सत्र के 5वें दिन बिहार के उपमुख्यमंत्री सह प्रदेश वित्तमंत्री सम्राट चौधरी ने सरकार का पक्ष रखते हुए विपक्ष के सवालों का जवाब दिया। उन्होंने बताया कि बिहार का बजट इस बार 2,78,725.72 करोड़ है, जो पिछली बार की अपेक्षा 16,840.32 करोड़ रुपये बढ़ गया है। पिछली बार 2023-24 का बजट 2,61,885.40 करोड़ रुपये का था। उन्होंने कहा कि 2005 में बिहार का बजट महज़ 22 हज़ार करोड़ रुपये का था और वहां से लेकर आज यहाँ तक नीतीश कुमार के मुख्मन्त्रीत्व में बिहार ने ये सफ़र तय किया है।
आज विपक्ष पर हमला बोलते हुए सम्राट ने सदन में कहा कि नौकरी देने का श्रेय कोई दूसरा कैसे ले सकता है ! जबकि 2005 से 2020 के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 7.5 लाख से ऊपर की संख्या में नौकरी दी। वहीँ लालू और उनके परिवार के 1990-2005 के शासनकाल में एक लाख लोगों को भी नौकरी नहीं मिल पायी। चौधरी ने तंज़ कसते हुए कहा कि विकास से राजद और महागठबंधन का दूर दूर तक कोई सरोकार नहीं। सम्राट चौधरी ने कहा कि कभी बिहार के हालात ऐसे थे कि एक अणे मार्ग स्थित मुख्यमंत्री आवास में अपराधियों को संरक्षण मिलता था और वहां बैठकर वसूली होती थी। आज नीतीश कुमार ने सबकुछ बदल दिया है। अब यहाँ कानून का राज है। जातीय गणना पर भी नीतीश कुमार ने 2022 में ही निर्णय लिया था और उसी वक़्त कैबिनेट की बैठक में इसकी मंजूरी मिली थी। मुख्यमंत्री के नेतृत्व में में ही ये काम भी हुआ है। इसका श्रेय भी कोई और नहीं ले सकता। तेजस्वी का नाम लिए बगैर वित्तमंत्री चौधरी ने कहा कि कुछ लोगों का कहना है कि बिहार थका हुआ है। हम कहते हैं कि 1990 से 2005 तक बिहार ठहरा हुआ था, लेकिन 2005 से बिहार बदल गया है। अब ‘ठहरा बिहार’ नहीं बल्कि ‘बढ़ता बिहार’ है। आधारभूत सुविधाओं का जिक्र करते हुए चौधरी ने कहा कि पहले गंगा पार करने में पूरा दिन बीत जाता था। अब देखिये, गंगा पर 12 पुलों के निर्माण की योजना है, जिसमे से 4 तो बनकर तैयार भी हो गए हैं।
इन सब बातों के साथ उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने बिहार में हाल में बनी नयी NDA सराकार को शुभ बताते हुए कहा कि इस सरकार के बनते ही केंद्र से मिलने वाली सहायता राशि में 9 हज़ार करोड़ रुपये की बढ़त हो गयी है। 1.02 लाख करोड़ की जगह अब 1.11 लाख करोड़ रुपये हो चुका है। उन्होंने बताया कि केंद्र से अब राज्य को 1.76 लाख करोड़ की राशि की सहायता और ऋण के तौर पर मिलेगा, जिसमे 50 सालों के लिए ब्याज रहित ऋण भी शामिल हैं।