सोमवार को नीतीश कैबिनेट की बैठक में एक बड़ा फैसला लिया गया था। नई शिक्षक नियुक्ति नियमावली को स्वीकृति दे दी गई । जिसके बाद से ह्नागामा पसरा हुआ है। शिक्षक अभ्यर्थियों ने इस नियमावली का विरोध करना शुरू कर दिया है। कई शिक्षक अभ्यर्थियों ने आज राजद कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। वही अब इस मसले को लेकर सियासत भी शुरू हो गई है। भाजपा अभ्यर्थियों के समर्थन में उअतर गई है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने कहा कि शिक्षा मंत्री ने 80 हजार 402 टीईटी और एसटीईटी पास अभ्यर्थियों पक्की नौकरी देने का जो वादा किया था उसका क्या हुआ?
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‘बिहार सरकार को नहीं है शिक्षक अभ्यर्थियों की चिंता‘
दरअसल जब सम्राट चौधरी से नई शिक्षक नियुक्ति नियमावली को लेकर सवाल किया गया तो वो बिहार सरकार पर हमलावर हो गए। उन्होंने कहा कि बिहार में जो सरकार अभी है वो कब पलटी मार दे ये कोई नहीं जनता है। उनकी नीतियां ही पलटासन वाली है। कल तक सरकार की तरफ से कहा जाता था कि वो टीईटी और एसटीईटी के अभ्यर्थियों की चिंता करते हैं। खुद शिक्षा मंत्री ने 80 हजार 402 टीईटी और एसटीईटी पास अभ्यर्थियों को पक्की नौकरी देने का वादा किया था। लेकिन कैबिनेट बैठक में इनकी छंटनी कर दी गई। राज्य सरकार को इन अभ्यर्थियों की बिलकुल भी चिंता नहीं है। सबसे बड़ा सवाल भी यही है पुराने लोग जो बहला हुए हैं उनकी चिन्ता कौन करेगा।
‘जीरो पर आउट होंगे नीतीश‘
विपक्षी एकजुटता अभियान को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक बार फिर से दिल्ली के दौरे पर गए हुए हैं। जहां विपक्षी दलों के नेताओं से उनकी मुलाकात होनी है। इसे लेकर भी सम्राट चौधरी ने तंज कसा। उन्होंने विपक्षी एकजुटता पर प्रश्न खड़ा करते हुए कहा कि विपक्ष में कई प्रधानमंत्री के उम्मीदवार हैं। दिल्ली में केजरीवाल पीएम उम्मीदवार बनकर बैठे हैं तो कोलकाता में ममता बनर्जी, तेलंगाना में केसीआई और तमिलनाडु में स्टालिन प्रधानमंत्री बनने का सपना देख रहे हैं। वही इधर नीतीश कुमार भी प्रधानमंत्री बनने का सपना सजाये हुए हैं। पिछली बार जब उन्होंने ये सपना देखा था तो दो सीट मिली थी।इस बार वो जीरो पर आउट हो जाएंगे।