कल 22 जून को दिल्ली में हुई जीएसटी परिषद की बैठक में केंद्रीय वित्त मंत्री से उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने बिहार के लिए विशेष मांग कर दी है। बिहार के वित्त मंत्री सम्राट चौधरी ने केंद्रीय वित्त मंत्री से बजट में बिहार के लिए एयरपोर्ट, हाइवे, पीएम आवास योजना के लिए विशेष आग्रह किया है। प्री बजट बैठक में बिहार सरकार के वित्त मंत्री सम्राट चौधरी ने केन्द्रीय वित्त मंत्री से बिहार की 19 मांगों को सामने रखा है। साथ ही कई मांगों के पीछे कारण भी बताए।
बिहार ने केंद्र सरकार से बिजली के क्षेत्र में वन नेशन वन टैरिफ लागू करने की मांग की। बिहार बाहरी बिजली पर निर्भर है। इसके लिए अधिक भुगतान करना पड़ता है। केंद्रीय प्रक्षेत्र से बिजली लेने पर बिहार को 4.81 रुपये प्रति यूनिट की दर से भुगतान करना पड़ता है। जबकि निजी क्षेत्र की बिजली दर 3.60 रुपये प्रति यूनिट है। उप मुख्यमंत्री चौधरी ने कहा कि 2022-23 में बिहार का विकास दर देश में सर्वाधिक थी। यह तब 10.64 प्रतिशत था। वित्तीय अनुशासन, बेहतरीन प्रबंधन के कारण कम संसाधन होते हुए भी बिहार ने यह दर हासिल की है। बिहार को यह विकास की दर बनाए रखने के लिए अधिक सहायता की जरूरत है। वहीं, बिहार ने राजकोषीय उत्तरदायित्व और बजट प्रबंधन (एफआरबीएम) के तहत वर्तमान ऋण लेने की सीमा को तीन प्रतिशत से अधिक करने की मांग की।
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नौ एयरपोर्ट की मांग
राज्य सरकार ने हाल ही में नौ एयरपोर्ट- डेहरी, सहरसा, फारबिसगंज, मुंगेर, बेगूसराय, भागलपुर, मुजफ्फरपुर, रक्सौल एवं गोपालगंज में विकसित करने का निर्णय लिया है। इसके लिए चालू वित्तीय वर्ष के बजट में ही राशि उपलब्ध कराने की भी मांग की गयी। वहीं, राज्य सरकार ने केंद्र से पटना-पूर्णिया एक्सप्रेस वे, बक्सर-भागलपुर एक्सप्रेश वे, आमत-दरभंगा फोर लेन रोड के लिए राशि देने की मांग की। राज्य सरकार ने कहा बिहार में तकरीबन 20,418 किमी ग्रामीण सड़क है। 31 मार्च 2015 से पहले इसका रखरखाव केंद्र द्वारा किया जाता था, लेकिन पांच साल के बाद से इसका रखरखाव राज्य सरकार को करना पड़ रहा है। बिहार ने केंद्र से आग्रह किया कि रखरखाव की राशि 60: 40 के अनुपात में दें।
पीएम आवास और मेट्रो
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना, शहरी के तहत राज्य में 10 लाख आवास बनाने की तैयारी में है। इस पर लगभग 20 हजार करोड़ खर्च होने का अनुमान है, इसके लिए सहायता उपलब्ध कराई जाए। हाल ही में कैबिनेट में गया, मुजफ्फरपुर, दरभंगा एवं भागलपुर में मैट्रो निर्माण की अनुमति दी है। इस पर लगभग 15,750 करोड़ रुपये खर्च होगा। राज्य सरकार ने इसके लिए चालू वित्तीय वर्ष के केंद्रीय बजट में ही राशि के प्रावधान किए जाने की मांग की।
सात नये सरकारी मेडिकल कॉलेज
वहीं, राज्य सरकार ने सात नये सरकारी मेडिकल कॉलेज के निर्माण के लिए राशि मांगा। ये मेडिकल कालेज मुंगेर, मोतिहारी, गोपालगंज, सुपौल, बेगूसराय, महुआ एवं आरा में स्थापित किया जाना है। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि सर्व शिक्षा अभियान के तहत वित्तीय वर्ष 2024-25 में नियोजित शिक्षकों के वेतन पर राज्य सरकार को 17,686 करोड़ रुपये खर्च करना पड़ेगा, लेकिन केंद्र सरकार ने इसके लिए महज 3063 करोड़ की मंजूरी दी है। राज्य सरकार ने इसके लिए 60:40 के अनुपात में राशि देने की मांग की।
स्पोर्ट्स क्लब के लिए रखी ये डिमांड
राज्य सरकार ने हाल ही में कैबिनेट में निर्णय लिया है कि पंचायत एवं नगर पंचायत में स्पोर्ट्स क्लब बनाने का निर्णय लिया है। इन पर करीब 410 करोड़ रुपये खर्च होगा। इसके लिए बजट में राशि का प्रावधान किया जाए। इसके अलावा बैठक में राज्य सरकार ने कृषि क्षेत्र में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा के तहत विकसित राज्यों महाराष्ट्र, कर्नाटक, मध्यप्रदेश, असम की तुलना में कम राशि मिलने का मुद्दा उठाया। एग्रीकल्चर एंड प्रोसेस फूड प्रोडक्ट एक्सपोर्ट डेवलपमेंट ऑथोरिटी (अपरेडा) का कार्यालय स्थापित किए जाने की भी मांग की। वहीं, कोसी-मेंची लिंक प्रोजेक्ट के लिए भी राशि उपलब्ध कराने एवं मनरेगा के तहत पर्याप्त राशि उपलब्ध कराने की मांग की।