पटना : राज्य में 15 अक्टूबर से बालू खनन (Sand Mining) का काम शुरू होने वाला है। उससे पहले सरकार ने बालू माफियाओं से निपटने की पूरी तैयारी कर ली है। बालू खनन की निगरानी अब ड्रोन से होगी। खनन कार्यों में पारदर्शिता के लिए सभी घाटों सहित सभी जिला कार्यालयों में बैनर लगाये जायेंगे। खनन शुरू होने से पहले ही बंदोबस्त घाट की चौहद्दी निर्धारित कर दी जाएगी। जिस घाट की बंदोबस्ती नहीं की गई है, वहां सरकारी बैनर लगा दिए जायेंगे ताकि अवैध खनन होने पर त्वरित कार्रवाई की जा सकेगी।
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इसके साथ ही अवैध खनन की सूचना देने वाले लोगों की गोपनीयता बरकरार रखते हुए उनको सम्मानित भी किया जाएगा। यह जानकारी उपमुख्यमंत्री सह खान एवं भूतत्व विभाग के मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने बुधवार को विभागीय अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक के दौरान दीं। उपमुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि ऐसी सूचना मिली है कि कुछ लोगों द्वारा सेकेंडरी लोडिंग का लेखा-जोखा तैयार नहीं किया जा रहा है। इसलिये नियम में परिवर्तन कर सेकेंडरी लोडिंग को के-लाइसेंस में तब्दील कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा है कि बालू का अवैध खनन होने पर बगल के बंदोबस्तधारी को नोटिस जारी किया जाएगा और उनसे पूछा जायेगा कि अवैध खनन की सूचना आपने क्यों नहीं दी। इसके साथ संबंधित थाना के पुलिस निरीक्षक भी जिम्मेवार होंगे। उन्होंने कहा कि खनन को अभिशाप नहीं वरदान बनाना है।
राजस्व में 80 प्रतिशत बढ़ोतरी
उप मुख्यमंत्री ने बताया कि राजस्व को बढ़ाने के बहुत प्रयास किये जा रहे हैं। पिछले वर्ष सितंबर माह तक 575 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त किया गया था, जो इस साल सितंबर माह में बढ़कर 1034 करोड़ रुपये हो गया। ऐसे में लगभग 80 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। यह बिहार सरकार की पारदर्शिता, शासन-प्रशासन में बैठे पदाधिकारियों और कर्मियों के समर्पण सहित अवैध खनन पर अंकुश का परिणाम है।