मामला बेतिया का है जहां 17 वर्ष पहले भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सह सांसद डॉ संजय जयसवाल एवं पूर्व डिप्टी सीएम रेनू देवी समेत तीन और लोगों पर आदर्श आचार संहिता उल्लंघन का आरोप लगाया गया था। जिसके बाद एमपी एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश एसीजे एम कुमार कार्तिके शाही ने उन्हें साक्ष्य के अभाव में रिहा कर दिया है।
मामला 2005 का है
बताया जा रहा है कि यह घटना 20 फरवरी 2005 का है। जब निर्वाचन पदाधिकारी सह अनुमंडल पदाधिकारी बेतिया को यह शिकायत मिली थी कि निजी एवं सरकारी भवनों पर, बिजली के खंभों पर,सरकारी भूमि एवं भवनों पर, विभिन्न दल के उम्मीदवारों द्वारा गलत तरीके से झंडा, बैनर ,पोस्टर लगाकर प्रचार प्रसार किया जा रहा है ।इस सूचना के बाद निर्वाचन पदाधिकारी सह अनुमंडल पदाधिकारी बेतिया ने पुलिस बल के साथ शहर का भ्रमण किया। इस दौरान उन्होंने पाया कि विभिन्न दलों के उम्मीदवारों द्वारा अपने दल के लोगों के माध्यम से साजिश के तहत सरकारी भवनों, सरकारी भूमि, बिजली के खंभों एवं लोगों के निजी घरों के ऊपर अपने-अपने पक्ष में झंडा,बैनर, पोस्टर लगाया गया था।
उन्हें अब राहत मिली
इस संबंध में आदर्श आचार संहिता उल्लंघन के आरोप एवं लोक संपत्ति विरूपण अधिनियम के अंतर्गत नगर थाना के तत्कालीन थाना प्रभारी रामचंद्र माझी ने नगर थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी।लेकिन अब कोर्ट की सुनवाई के बाद संजय जयसवाल, रेणु देवी समेत अन्य तीन लोगों को राहत मिली है।