लोकसभा चुनाव में जातीय जनगणना (Cast Census) कराने का क्रेडिट राजद और कांग्रेस ले रही हैं तो वहीं जदयू इसे अपनी उपलब्धि बता रहा है। जेडीयू के राज्यसभा सांसद संजय झा ने जातीय जनगणना के मुद्दे पर अब बड़ा खुलासा किया है। संजय झा ने कहा कि मुंबई में हुई इंडी अलायंस की मीटिंग में कांग्रेस के नेताओं ने ही इसका विरोध किया था। उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी ने इस मुद्दे को टाल दिया था।
जातिगत जनगणना को लेकर शकील अहमद द्वारा उठाए गए सवाल पर संजय झा ने कहा कि यह काम सबसे पहले नीतीश कुमार ने शुरू किया था। उन्होंने कहा कि जब मुंबई में इंडी गठबंधन की मीटिंग हुई थी, वहां पर यह बात नीतीश कुमार जी बोलते रहे. लेकिन ममता बनर्जी और कांग्रेस के लोगों ने कहा कि एजेंडा तय कर रहे हैं. उसी एजेंडे पर पूरे देश में जाया जाएगा। जातीय जनगणना को इन लोगों ने साफ मना कर दिया था। आज उसकी चर्चा कर रहे हैं।
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शकील अहमद पर पलटवार करते हुए संजय झा ने कहा कि यह तो थे भी नहीं उस मीटिंग में। हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह थे। उन्होंने भी कहा था, सब लोगों ने इस बात को रखा था, लेकिन कांग्रेस ने उसका पूरा विरोध किया था। वहीं राहुल गांधी के बिहार दौरे पर निशाना साधते हुए जेडीयू सांसद ने कहा वह (राहुल गांधी) दूसरी बार बिहार तब आ रहे हैं, जब चुनाव खत्म हो रहे हैं। इससे आप समझ सकते हैं कि बिहार के प्रति उनकी क्या भावना है। अब उनके बिहार आने से कुछ नहीं होगा. जेडीयू सांसद ने कहा कि 4 जून को जो रिजल्ट आएगा, उससे परिवारवाद की पॉलिटिक्स का अंत हो जाएगा।
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वहीं नौकरी के मुद्दे को लेकर तेजस्वी यादव पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि ये लोग बिहार में कैसा नौकरी देते थे सबको पता है। जमीन के लिए नौकरी देते थे. नीतीश कुमार जी रिकॉर्ड से बता रहे हैं। जब 2006 के बाद अपॉर्चुनिटी बढ़ा लोगों को रोजगार मिलना शुरू हुआ। नौकरी 2006 में भी दिए थे। टीचर की बहाली के पंचायत के माध्यम से। फिर मैं बता देता हूं बिना मुख्यमंत्री के आदेश से कुछ नहीं होता। एक कागज भी आगे नहीं बढता। सब नीतीश कुमार ने ही किया है।