बिहार में हुए नीट पेपर लीक कांड में फरार चल रहे मुख्य आरोपी संजीव मुखिया से जुड़े कई चौंकाने वाले खुलासे सामने आ रहे हैं. जांच एजेंसी ईओयू को मिली जानकारी के अनुसार मुखिया पहले भी कई मुख्य परीक्षाओं के पेपर लीक करने में शामिल रहा है.
ईओयू सूत्रों के मुताबिक मुखिया ने नीट की परीक्षा में शामिल होने वाले हर छात्र से 30 से 40 लाख रुपये तक लिए. इतना ही नहीं वह जिन छात्रों या अभिभावकों से डील करता था, उनसे एक हजार रुपये के स्टांप पेपर पर करार करवाता था. इस करार में कथित तौर पर लिखा होता था कि नौकरी लगने या परीक्षा पास करने की गारंटी और सफलता के बाद मखिया गिरोह को भुगतान की शर्तें शामिल थीं.
खबरों के अनुसार मुखिया ने इस धंधे से इतना कमाया कि उसने अपनी पत्नी ममता देवी को विधानसभा चुनाव लड़ाने की तैयारी भी शुरू कर दी थी. सूत्रों का कहना है कि उसने अपनी पत्नी को टिकट दिलाने के लिए दो राजनीतिक दलों को 50-50 लाख रुपये का चंदा भी दिया.
जांच में यह भी पता चला है कि मुखिया ने अभ्यर्थियों को फंसाने के लिए एजेंटों का जाल बिछा रखा था. गिरफ्तार किए गए संदिग्धों में से ज्यादातर नालंदा और पटना जिले के रहने वाले हैं और मुखिया के लिए काम करते थे.
गौरतलब है कि मुखिया का बेटा शिवकुमार फिलहाल जेल में बंद है. शिवकुमार पर बीपीएससी शिक्षक भर्ती परीक्षा पेपर लीक कांड का मास्टरमाइंड होने का आरोप है. सूत्रों के अनुसार मुखिया का नाम इससे पहले भी 2010, 2012 और 2013 की कई परीक्षाओं के पेपर लीक मामले में सामने आ चुका है.