बीते 3 फरवरी को सारण जिले में तीन युवक मॉब लिंचिंग का शिकार हुए थे। जिसमे मांझी थाना क्षेत्र के मुबारक गांव निवासी मुखिया प्रतिनिधि विजय यादव के द्वारा यह बात फैलाई गई कि उनके ऊपर मॉब लिंचिंग के शिकार तीनों युवक हत्या की नीयत से फायरिंग कर रहे थे और उनके द्वारा अपने सहयोगियों के साथ मिलकर तीनों को पकड़कर अपने मुर्गी फार्म बंद किया गया था। जहां तीनों युवक मॉब लिंचिंग का शिकार हुए। जिसके बाद आरोपीं के घर कुर्की की गई। साथ ही ऐतियात बरतते हुए प्रशासन ने सारण में सोशल नेटवर्किंग साईट पर पहले दो दिनों के लिए बैन लगा दिया था। वही अब इस रोक को आगे बढ़ाते हुए सारण जिले में मांझी प्रखंड के मुबारकपुर गांव में अब सभी सोशल साइट पर 10 फरवरी तक रोक लगा दी गई थी। वही अब इंटरनेट सेवाएं दोबारा शुरू हो गई है।
डीएम ने बिहार गृह विभाग को पत्र लिखकर पूरी तरह से इंटरनेट सुविधा बहाल करने का आग्रह किया है। जिसे स्वीकार कर लिया गया है। अब छपरा में इंटरनेट सुविधा बहाल कर दी गई है।
ये है पूरी घटना
मॉब लिंचिंग का शिकार बने युवक भी मांझी थाना क्षेत्र के मुबारकपुर गांव निवासी ही हैं। जिनमें मृतक की पहचान जयप्रकाश सिंह के पुत्र अमितेश कुमार सिंह एवं उदय नारायण सिंह के 25 वर्षीय पुत्र आलोक कुमार सिंह उर्फ विक्की है के रूप में की गई है। वही जिंदगी और मौत से जूझ रहे युवक की पहचान संजय सिंह के 22 वर्षीय पुत्र राहुल कुमार सिंह के रूप में हुई है। इन तीनों का कोई आपराधिक इतिहास ज्ञात नहीं है।
बता दें कि मांझी थाना क्षेत्र के मुबारक गांव निवासी मुखिया प्रतिनिधि विजय यादव के द्वारा यह बात फैलाई गई कि उनके ऊपर मॉब लिंचिंग के शिकार तीनों युवक हत्या की नीयत से फायरिंग कर रहे थे और उनके द्वारा अपने सहयोगियों के साथ मिलकर तीनों को पकड़कर अपने मुर्गी फार्म बंद किया गया था। जहां तीनों युवक मॉब लिंचिंग का शिकार हुए। लेकिन, चौंकाने वाली बात यह है कि जिस जगह पर मुखिया प्रतिनिधि विजय यादव का दावा कर रहे हैं, वहां से एक भी हथियार बरामद नहीं की गई है। जिस कारण मुखिया प्रतिनिधि विजय यादव संदेह के दायरे में हैं। मुखिया पति के घर और फार्म हॉउस की कुर्की भी हो चुकी है।