एक ओर सारण में जहरीली शराब से मौत के आंकड़ो में बढ़ोतरी होती जा रही है। दूसरी ओर इसे लेकर सियासी पारा भी हाई होता जा रहा है। विपक्ष में बैठी भाजपा इस मुद्दे पर सरकार को पूरी तरह घेरने के लिए आतुर है। जिसकी झलक आज बिहार विधानसभा के सत्र के दौरान देखने को मिली। वही सत्ता पक्ष से भी मोर्चा संभाल लिया गया है। सदन में भाजपा के खिलाफ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आग-बबूला होकर भाजपा के खिलाफ बरसे। वही उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव भी अपनी सरकार के बचाव में उतरे और सदन के बाहर भाजपा के खिलाफ मोर्चा संभाला।
‘15 साल का हिसाब दे BJP‘
सारण शराबकांड को लेकर भाजपा ने विधानसभा में सरकार के खिलाफ जमकर हंगामा किया। नीतीश कुमार के बयान के बाद हंगामा और भी बढ़ गया। जिसमें उन्होंने भाजपा विधायकों को ही शराबी बता दिया। इसके बाद भाजपा ने नीतीश कुमार से माफी की मांग करते हुए सदन से बॉयकॉट कर दिया। मिला जुला के सदन के आज की कार्रवाई हंगामे की भेड़ चढ़ गई। जिसे लेकर तेजस्वी यादव ने भाजपा पर जमकर बरसे। उन्होंने कहा कि 5 दिनों का सदन सत्र है जिसमें 2 दिन निकल गए है 3 दिन और बचे हैं।
भाजपा को लोगों के जनता से जुड़े सवाल सदन में उठाने चाहिए लेकिन भाजपा के लोग बिना मतलब के हंगामा कर रहे हैं। शराबबंदी होने के बाद या उससे पहले भी लोगों की जहरीली शराब से मौत होती रही है। तब भाजपा वालों ने कोई सवाल क्यों नहीं उठाया। बिहार में 15 साल तक भाजपा सत्ता में रही है। उस दौरान भी जहरीली शराब से लोगों की मौत हुई थी। तब वे लोग मौन क्यों थे? उन्होंने इसके लिए बीते 15 साल में क्या किया इसका जवाब देना चाहिए। भाजपा के एक मंत्री के घर में शराब पकड़ाया था, उसे लेकर भाजपा को जवाब देना चाहिए