सारण शराबकांड को लेकर बिहार का सियासी पारा ऊपर चढ़ाता ही जा रहा है। इस घटना के बाद से ही विपक्ष में बैठी भाजपा ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ मोर्चा खोला रखा है। विपक्ष नीतीश कुमार के शराबबंदी कानून को फेल बताते हुए उनपर शराब कारोबारियों को संरक्षण देने का आरोप लगा रही है। विधानसभा का शीतकालीन सत्र तो सारण शराबकांड को लेकर विपक्ष द्वारा किए गए हंगामें की भेट चढ़ गया। भाजपा नेता लगातार बिहार सरकार से पीड़ित परिवारों के लिए मुआवजे की मांग कर रहे हैं। पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने खुद विधानसभा के अंदर इस बात का ऐलान किया है कि जहरीली शराब पीकर मरने वालों के परिजनों को सरकार मुआवजा नहीं देगी। जिसके बाद से विपक्ष ने नीतीश कुमार पर अपना हमला और तेज कर दिया है।
अब मुआवजे की मांग को लेकर अब अपनों के बीच भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार घिरते दिख रहे हैं। महागठबंधन में शामिल हम पार्टी के संर्क्ष्सं जीतन राम मांझी लगातार शराबबंदी को लेकर नीतीश कुमार के खिलाफ आवाज बुलंद करते रहते हैं। एक बार फिर से उन्होंने सारण शराबकांड में पीड़ित परिवारों के लिए मुआवजे कली मांग कर दी है। साथ ही उन्होंने शायराना अंदाज में नीतीश कुमार पर तंज भी कस दिया है।
इशारों में नीतीश को कहा बेदर्द मालिक
सारण शराबकांड में पीड़ित परिवार को मुआवजा ना देने के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के ऐलान को लेकर जीतन राम मांझी से सवाल किया गया। जिसका जवाब उन्होंने शायराना अंदाज में दिया। उन्होंने कहा कि ‘लिखा प्रदेश किस्मत में तो वतन का हाल क्या होगा…और जहाँ बेदर्द मालिक हो वहाँ फरियाद क्या होगा।’ उनका निशाना साफ-साफ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के ऊपर था। इशारों इशारों में ही सही उन्होंने नीतीश कुमार को बेदर्द मालिक बता दिया। वही आगे उन्होंने कहा कि छपरा शराब कांड पर कहा कि बिहार सरकार दोषियों पर कार्रवाई कर रही है । लेकिन जिस तरह गोपालगंज में 2016 में हुए शराब कांड को लेकर सरकार ने मुआवजा दिया था उसी तरह छपरा शराब कांड में मृतकों के परिजनों को भी मुआवजा मिलना चाहिए ।