सारण विकास मंच के संयोजक शैलेंद्र प्रताप सिंह ने कहा है कि लोकतंत्र ने हमें यह अधिकार दिया है कि हम पांच साल में अपने चुने नेता के कार्यकाल की समीक्षा करें और फिर अपना फैसला करें। सारण की जनता ने पांच साल नहीं 10 साल दिए हैं, एक ही सांसद को, एक ही पार्टी को। लेकिन नतीजा आज भी वही है कि जहां 2014 में थे, वहीं 2024 में भी हैं। तो इस बार गलती दुहराना नहीं है और सारण विकास मंच पूरी तरह रोहिणी आचार्य का समर्थन कर रहा है। हमारी टीम ने हर गांव में नुक्कड़ नाटक कर लोगों को समझाया है, बताया है कि इस बार रोहिणी आचार्य ही विकल्प हैं और राजीव प्रताप रूडी ने सारण में कुछ नहीं किया है। इन 10 वर्षों में सारण के विकास में रूडी जी की भागीदारी शून्य रही है।
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श्री सिंह ने कहा कि निवर्तमान सांसद राजीव प्रताप रूडी सामर्थ्यवान हैं और यही सोचकर सारण की जनता ने उन्हें लगातार दो बार और कुल चार बार सांसद चुना है। जनमानस में यह बात सभी को पता है कि रूडी जी के संबंध बहुत उपर तक हैं। मोदी सरकार में उन्हें मंत्री बनने का मौका मिला था। लेकिन रूडी जी ने मंत्री या सांसद रहते हुए उनके संबंधों का कोई लाभ सारण की जनता को कभी नहीं मिला है। आखिर सारण की जनता को रूडी जी कब तक मूर्ख बनाएंगे और जनता से चाकरी कराएंगे? इस बार बदलाव जरुरी है।
शैलेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि सारण की जनता चाहती थी कि सोनपुर-छपरा हाइवे बन जाए। मढौरा चीनी मिल शुरू हो जाए। युवाओं को रोजगार मिल जाए। स्वास्थ्य और शिक्षा की सुविधाओं में कुछ इजाफा हो जाए। लेकिन हालत यह है कि सोनपुर-छपरा हाइवे 14 साल से अभी भी बन ही रहा है। मढौरा चीनी मिल पर सभी चुप हैं। नौकरी पर मौन हैं। बेरोजगारी पर जुबान से कुछ निकल नहीं रहा है। महंगाई कम करने की कोई चर्चा नहीं हो रही है। हमारे पलायन पर भी सबकी चुप्पी है। किसानों की तकलीफों पर नजरें घुमा लेने की आदत बरकरार है। बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की बात पर तो मौजूदा सरकार की इंद्रियां अब काम करना बंद कर चुकी हैं।
श्री सिंह ने कहा कि सारण में एक ही दल और एक ही नेता को 10 साल देने के बाद भी अगर हमारी समस्याएं जस की तस हैं तो हमें विकल्प देखना ही होगा। मौजूदा स्थिति में जो विकल्प हमारे सामने हैं उनमें रोहिणी आचार्य ही एक ऐसी विकल्प हैं, जिनसे उम्मीद की जा सकती है। छपरा में विश्वविद्यालय का खुलना हो या रेल पहिया कारखाना की शुरुआत, लालू यादव ने सांसद, मंत्री, मुख्यमंत्री होने के नाते जिले के लिए बहुत कुछ किया है। रोहिणी आचार्य युवा हैं, पढ़ी-लिखीं हैं, जोश से भरी है, दूरदर्शिता दिखा रही हैं। रोहिणी ने किडनी देकर अपने पिता को जीवनदान दिया है और सारण के बारे में भी उनकी यही भावना है कि वे सारण के विकास में सच्ची सहभागिता करेंगी। ऐसी स्थिति में सारण विकास मंच ने तय किया है कि सारण के विकास के लिए इस बार हम रोहिणी आचार्य का ही समर्थन करेंगे।