प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बिहार यात्रा खास हो गई है। पहली बार पटना में रोड शो करने वाले पीएम मोदी एक दिन बाद सारण में चुनावी सभा करेंगे। लेकिन इससे पहले ही महागठबंधन को बड़ा झटका सारण और महाराजगंज लोकसभा क्षेत्र में लगा है। खुद को महाराजगंज सीट का कांग्रेस से उम्मीदवार बनवाने की कोशिश करने वाले एमएलसी सच्चिदानंद राय ने न सिर्फ कांग्रेस बल्कि महागठबंधन के खिलाफ ही माहौल बनाना शुरू कर दिया है। रविवार को अपने समर्थकों के साथ सच्चिदानंद राय ने बैठक की। इस बैठक में सच्चिदानंद राय ने अपने समर्थकों की राय जानने का प्रयास किया कि वे किस उम्मीदवार को जिताने के पक्ष में हैं। इस पूरी बैठक के दौरान सच्चिदानंद राय ने कहा कि उनकी निजी राय यह है कि सांसद कोई बने, प्रधानमंत्री नहीं बदलना चाहिए। इससे महाराजगंज के कांग्रेस उम्मीदवार आकाश प्रसाद सिंह और सारण में राजद उम्मीदवार रोहिणी आचार्य को झटका लग सकता है।
Aakash Singh Interview : Maharajganj में कितनी बड़ी चुनौती, सब बता रहे कांग्रेस प्रत्याशी…
दरअसल, सच्चिदानंद राय की इच्छा थी कि उनकी पत्नी को कांग्रेस महाराजगंज से उम्मीदवार बनाए। लेकिन कांग्रेस ने ऐसा नहीं किया। बार बार सच्चिदानंद राय कहते रहे कि कांग्रेस अपना उम्मीदवार बदले लेकिन कांग्रेस नहीं मानी। हालांकि निर्दलीय चुनाव लड़ने का विचार पहले ही त्याग चुके सच्चिदानंद राय कुछ दिनों तक खामोश भी रहे। अब जब चुनाव में दो हफ्तों से भी कम का वक्त है, सच्चिदानंद राय ने प्रधानमंत्री पद पर नरेंद्र मोदी को बनाए रखने के लिए एनडीए के समर्थन का ऐलान किया है। उन्होंने अपनी सभा में महाराजगंज के कांग्रेस प्रत्याशी आकाश को साइबेरियन पक्षी बताया। साथ ही आकाश के दावों को बड़बोलापन भी बताया। सच्चिदानंद राय ने कहा कि हमारे पास दो ही विकल्प हैं। इसमें पहला भाजपा के सांसद हैं, जिन्हें हमलोग 10 साल से जानते हैं। दूसरा कांग्रेस के प्रत्याशी हैं, जिन्हें कोई नहीं जानता। लेकिन देश के सवाल पर अपनी निजी पसंद छोड़नी होगी।
सच्चिदानंद राय ने कहा कि देश को मजबूर नहीं मजबूत प्रधानमंत्री चाहिए, जो नरेंद्र मोदी ही हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि कोई कारण नहीं है कि पीएम बदलना चाहिए। सांसद बदलने की इच्छा जरूर हो सकती है। लेकिन राजीव प्रताप रूडी और जनार्दन सिंह सिग्रीवाल सांसद बनें से अंतर नहीं है, लेकिन पीएम नहीं बदलना चाहिए। कांग्रेस की सरकार को कमजोर बताते हुए सच्चिदानंद राय ने कहा कि लोगों को देश हित में वोट करना चाहिए।
भूमिहार वोटों का समीकरण गड़बड़ होगा?
सच्चिदानंद राय भाजपा से नाराज होकर पार्टी छोड़ चुके हैं। इसके बाद वे जनसुराज में प्रशांत किशोर के साथ दिखते रहे। लेकिन लोकसभा चुनाव उन्होंने कभी लड़ा नहीं है। इसके बावजूद सच्चिदानंद राय का महत्व इसलिए है क्योंकि उनके किसी भी पाले में खुलकर आने से जातीय समीकरण पर असर पड़ सकता है। महागठबंधन ने सारण और महाराजगंज में जातीय समीकरण को अधिकतम स्तर पर साधने के लिए प्रत्याशियों के चयन में रिस्क उठाया है। सारण से रोहिणी आचार्य एक यादव उम्मीदवार हैं, तो महाराजगंज में कांग्रेस के आकाश भूमिहार हैं। जबकि सारण और महाराजगंज दोनों सीटों पर भाजपा के उम्मीदवार राजपूत हैं। राजद-कांग्रेस की कोशिश है कि यादव, मुसलमान के साथ भूमिहारों का वोट भी उनके दोनों उम्मीदवारों को मिले। लेकिन सच्चिदानंद राय के भाजपा के पक्ष में आ जाने से महागठबंधन के लिए भूमिहार वोटों का समीकरण प्रभावित हो सकता है। हालांकि सच्चिदानंद राय की बातों का कितना असर होगा, यह तो रिजल्ट में ही पता चलेगा।