शिक्षा विभाग ने स्कूलों में छुट्टी का कैलेंडर जारी किया। इसमें जन्माष्टमी, रामनवमी, महाशिवरात्री की छुट्टियों को रद्द कर दिया गया। जबकि ईद-बकरीद की छुट्टी बढ़ा दी गई। बवाल हुआ तो शिक्षा विभाग ने सफाई जारी कर कहा कि छुट्टियां पहले की तरह ही है। लेकिन बवाल ने राजनीतिक रंग ले लिया। सरकार से जुड़े दल भी शिक्षा विभाग के इस फैसले के खिलाफ खड़े हो गए। तो शाम ढलते ढलते शिक्षा मंत्री का बयान आ गया। इस पूरे घटनाक्रम में सबसे मजेदार बयान शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर का ही है। क्योंकि जिस फैसले को लेकर इतना बवाल हो गया, उसके बारे में शिक्षा मंत्री ने कहा कि मुझे तो पता ही नहीं है।
शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने कहा कि बिहार सरकार के स्तर पर छुट्टियों में कटौती का फैसला नहीं हुआ है। अगर ऐसा कुछ गड़बड़ हुआ है तो उसमें सुधार किया जाएगा। दूसरी ओर, शिक्षा विभाग ने इस विवाद पर सफाई देते हुए कहा है कि छुट्टियों में किसी तरह का बदलाव नहीं किया गया है। इस बारे में भ्रम फैलाया जा रहा है। इससे ठीक पहले भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी ने तो इस विवाद से पल्ला झाड़ा। उन्होंने भी कहा कि सरकार के स्तर पर ऐसा निर्णय नहीं लिया गया है। शिक्षा विभाग के मंत्री तो चंद्रशेखर हैं लेकिन अशोक चौधरी ने कहा कि सीएम नीतीश कुमार हिंदू पर्वों की छुट्टियों में कटौती के मुद्दे पर संज्ञान लेंगे और समाधान करेंगे।
दूसरी ओर, शिक्षा विभाग ने मंगलवार को बयान जारी कर इस विवाद पर सफाई दी है। विभाग का कहना है कि छुट्टियों में किसी भी तरह की कटौती नहीं की गई है। पिछले साल 60 छुट्टियां थीं, आगे भी इतनी ही रखी गई हैं। सोशल मीडिया पर भ्रम फैलाया जा रहा है। शिक्षा विभाग ने सामान्य स्कूलों और उर्दू स्कूलों को लेकर अलग-अलग अधिसूचनाएं जारी की हैं। इसी वजह से कंफ्यूजन पैदा हो गई है।