रामचरितमानस की चौपाई को नफरत फैलाने वाला बताने वाले शिक्षामंत्री चंद्रशेखर यादव अपनी बातों पर टिके हुए हैं। विपक्ष के साथ सहयोगी दल जदयू के नेता भी उनके विरोध में खड़े हैं। एक दिन पहले तक राजद सफाई के मोड में था। लेकिन शुक्रवार को राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने न सिर्फ चंद्रशेखर के बयान का समर्थन किया है बल्कि यहां तक कह दिया कि रामायण में बहुत सारा कूड़ा करकट है।
रामचरितमानस पर शिक्षामंत्री को चुनौती, कर लें शास्त्रार्थ
लोहिया को भी लाए शिवानंद
शिवानंद तिवारी ने रामचरितमानस पर शिक्षामंत्री के बयान का समर्थन करते हुए यहां तक कह डाला है कि रामायण में बहुत सारा कूड़ा करकट है। लोहिया के हवाले से शिवानंद कहते हैं कि रामायण में बहुत सारा कूड़ा करकट भी है और हीरा मोती भी। कूड़ा करकट बुहारने के चक्कर में हीरा मोती भी नहीं बुहार देना चाहिए। हीरा मोती खाने के चक्कर में कूड़ा करकट नहीं खा लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि समाजवादी आंदोलन के जनक डॉ राम मनोहर लोहिया ने राम और रामायण मेले के आयोजन को लेकर सर्वाधिक लेख लिखे हैं। डॉ. लोहिया सभी भाषाओं में उपलब्ध रामायण के प्रशंसक हैं। पर उनका मन तुलसी के रामायण में रमा हुआ है। तुलसी की रामायण में आनंद के साथ-साथ धर्म भी जुड़ा हुआ है।
तुलसी रामायण को बताया सर्वश्रेष्ठ
अपनी बात को आधार देते हुए शिवानंद तिवारी ने कहा कि तुलसी की कविता आदमी को टिकाती हैं और जोड़े रखती हैं। तुलसी एक रक्षक कवि हैं। जब चारों तरफ से अभेद हमले हों तो बचाना, थामना, टेकी देना शायद ही तुलसी से बढ़कर कोई कर सकता है। वाल्मीकि और दूसरे रामायण में प्रेम को इतनी बड़ी जगह नहीं मिली जितनी की तुलसी की रामायण में है।