राजद नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी अपने एक बयान के बाद घिर गए हैं। भले ही उनकी पार्टी और सहयोगी दल उनके साथ-समर्थन में दिख रहे हैं। लेकिन माहौल उनके खिलाफ जा रहा है। भाजपा और एनडीए के दूसरे सहयोगी दलों ने सिद्दीकी के बयान को राष्ट्रद्रोह से जोड़ दिया है। अपने बयान के विरोध में माहौल जाता देखकर सिद्दीकी अब पलट रहे हैं। एक दिन पहले सिद्दीकी ने यहां तक कह दिया कि देश में ऐसा माहौल है ही नहीं कि बच्चे झेल पाएंगे। लेकिन अब सिद्दीकी कह रहे हैं कि 10 बार जन्म लेना होगा तो भी भारत में ही पैदा होना चाहूंगा।
सिद्दीकी को भी लगने लगा डर, बच्चों को दी विदेश में बस जाने की सलाह
बयान से पलटे सिद्दीकी
अब्दुल बारी सिद्दीकी ने एक दिन पहले कहा था कि अब भारत में रहने का माहौल नहीं है। बच्चे यहां के मौजूदा माहौल में रह पाएंगे या नहीं, यह कहना मुश्किल है। इसलिए मैंने अपने बच्चों को विदेश में नौकरी करने की सलाह दी है। साथ ही यह भी कहा है कि अगर विदेश में ही नागरिकता लेने का भी सुझाव दिया है। लेकिन अब सिद्दीकी अपने बयान से पलट रहे हैं।
“घृणा की राजनीति खत्म होगी”
एक निजी टीवी चैनल से बात करते हुए अब्दुल बारी सिद्दीकी ने कहा कि मैंने अपने बच्चों को जो बात कही है, वो एक सलाह है। मेरी सलाह जरुरी नहीं कि मान ही ली जाए। लेकिन देश में घृणा की राजनीति जो चल रही है, वो तो सच ही है। लेकिन यह भी एक न एक दिन खत्म होगी। इसके बाद अपने बयान से पूरी तरह पलटते हुए सिद्दीकी ने कहा कि मुझे तो 10 बार जन्म लेना पड़े तो भी भारत में पैदा होना चाहूंगा।
संजय झा ने किया सिद्दीकी से किनारा
पहले तो महागठबंधन में शामिल पार्टियों ने एकजुट होकर सिद्दिकी के बयान का समर्थन किया है। आरजेडी के चितरंजन गगन, जदयू नेता व मंत्री बिजेन्द्र प्रसाद यादव, कांग्रेस के विधान पार्षद प्रेमचंद मिश्र ने सिद्दीकी के बयान का समर्थन किया। लेकिन अब जदयू के सुर भी बदल गए हैं। अब्दुल बारी सिद्दीकी के बयान पर संजय झा ने शुक्रवार को कहा कि मैं उनके बयान पर कोई टिप्पणी नहीं करूंगा। लेकिन मैं सिर्फ इतना कहूंगा कि देश हमारा यही है। अगर कुछ कमी है तो उसे पूरा किया जा सकता है। लेकिन इस देश ने हमें सब कुछ दिया है।