पटना में एक जुलाई से सिंगल यूज प्लास्टिक एवं 19 तरह के प्लास्टिक उत्पादन पर प्रतिबंध लागु हो गया है । इस प्रतिबंध को ध्यान रखते हुए पटना नगर निगम ने अंचल स्तर पर टास्क फोर्स कि नियुक्ति की है। जिसका मुख्य काम होगा प्लास्टिक उत्पादों पर प्रतिबंध लगाना और जांच करना । पूरे पटना में एक जुलाई से अलर्ट मोड शुरू हो गया है और इसकी जांच अपर नगर आयुक्त शीला ईरानी द्वारा कि जाएगी ।
प्रतिबंधित चीजों के नाम
गुब्बारे में लगने वाला प्लास्टिक स्टिक, सजावट में काम आने वाला थर्मोकोल, मिठाई के डिब्बों पर लगा प्लास्टिक, पीवीसी बैनर, प्लास्टिक कप, प्लेट, गिलास, कांटा, चम्मच, चाकू, स्ट्रॉ जैसे अन्ये चीजों पर लगा प्रतिबन्ध।
अगस्त 2021 में आया था सिंगल यूज प्लास्टिक का नोटिफिकेशन
भारत सरकार के पर्यावरण मंत्रालय ने अगस्त 2021 में ही सिंगल यूज प्लास्टिक के उपयोग पर बैन लगाने का नोटिफिकेशन जारी किया था। और करीब एक वर्ष का समय मिला था कि प्लास्टिक का स्टॉक जल्द से जल्द खत्म हो जाए । सूचना के मुताबिक सिंगल यूज प्लास्टिक न आसानी से नष्ट होता है और ना ही रिसाइकिल होता है ।
इस्तेमाल करने पर होगा जुर्माना
अगर आम लोग प्लास्टिक का यूज करते है तो उन्हें 500 से 2000 रुपए का जुर्माना लगेगा । अगर औद्योगिक स्तर पर इसका उत्पादन और बिक्री करने वालों पर पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 की धारा 15 के तहत दंड का प्रावधान होगा। उन लोगों पर 20 हजार रुपये से एक लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। या उन्हें पांच वर्ष तक जेल भी जाना पड़ सकता है।
लोगों को इको-फ्रेंडली विकल्प चुनना होगा
पटना नगर निगम द्वारा प्रतिबंध पर लोग प्लास्टिक की जगह कपडे की थैलियाँ या जुट बाद का प्रयोग कर सकते है ।