बिहार में लोकसभा चुनाव के दौरान सीटों का तालमेल अब कभी भी घोषित हो सकता है। एनडीए में इस सीट पर जदयू दावा कर रही है। एनडीए में आने से पहले ही जदयू ने विधान परिषद के सभापति देवेश चंद्र ठाकुर को उम्मीदवार घोषित कर दिया है। लेकिन भाजपा भी इस सीट से अपना दावा छोड़ नहीं रही है। भाजपा प्रदेश कार्यसमिति सदस्य व संघ शिक्षा वर्ग प्रशिक्षित बाल स्वयंसेवक कैप्टन प्रभात कुमार इस सीट से दावेदारी पेश कर रहे हैं। प्रभात कुमार भूमिहार जाति से आते हैं और वे हर हाल में सीतामढ़ी से लोकसभा चुनाव लड़ना चाहते हैं।
दरअसल, बिहार की मौजूदा 40 लोकसभा सीटों में से 27 सीटों पर भाजपा ने कभी न कभी जीत दर्ज की है। लेकिन 13 सीटों से कोई भाजपा नेता संसद नहीं पहुंचा है। हालांकि इसमें से 10 सीटें ऐसी रही हैं, जिनपर भाजपा ने कभी कोई उम्मीदवार उतारा ही नहीं है। इन्हीं 10 सीटों में से एक है सीतामढ़ी लोकसभा सीट। यहां अभी तक आजादी के बाद से 16 चुनाव हुए हैं। लेकिन भाजपा के सिम्बल पर कोई उम्मीदवार सीतामढ़ी लोकसभा क्षेत्र से चुनावी मैदान में नहीं उतरा। हालांकि यह बात अलग है कि सीतामढ़ी के मौजूदा सांसद सुनील कुमार पिंटू एक वक्त में भाजपा के ही विधायक थे और भाजपा कोटे से ही नीतीश कुमार की अगुवाई वाली बिहार की एनडीए सरकार में पर्यटन मंत्री थे। लेकिन 2019 में कुछ ऐसा हुआ कि सुनील कुमार पिंटू जदयू के टिकट पर चुनाव लड़े और सांसद बने।
लेकिन इस बार प्रभात कुमार भाजपा के टिकट सीतामढ़ी से लोकसभा चुनाव में ताल ठोंकना चाहते हैं। वैसे तो इस सीट पर भाजपा की स्थिति ऐसी है कि वो जिसे सहयोग करती है, वही जीतता है। पिछले तीन चुनावों में उसी उम्मीदवार को जीत मिली है, जिसे भाजपा का समर्थन मिला है। तीन चुनावों में दो बार जदयू के उम्मीदवार जीते हैं। लेकिन 2014 में जदयू ने जब भाजपा से अलग होकर चुनाव लड़ा था तो भाजपा की सहयोगी पार्टी रालोसपा के उम्मीदवार रामकुमार शर्मा को इस सीट से जीत मिली थी।
कौन हैं प्रभात कुमार
प्रभात कुमार भाजपा प्रदेश कार्यसमिति सदस्य व संघ शिक्षा वर्ग प्रशिक्षित बाल स्वयंसेवक हैं। जबकि पहले किसान मोर्चा के प्रदेश संयोजक रह चुके हैं। साथ ही आजीवन सहयोग निधि सीतामढ़ी के जिला संयोजक भी रह चुके हैं। इसके अलावा सुरसंड विधानसभा में पन्ना प्रमुख, कांटी विधानसभा में पंचायती चुनाव प्रभारी भी रह चुके हैं।