राजद ने बिहार की 22 सीटों पर अपने उम्मीदवार घोषित कर दिए। लेकिन उसके खाते में आई सीवान सीट पर नाम घोषित नहीं किया। जबकि सीवान से विधायक अवध बिहारी चौधरी के सोशल मीडिया पोस्ट इस ओर इशारा कर रहे हैं कि राजद नेतृत्व से उन्हें हरी झंडी मिल गई। सीवान पहुंचे अवध बिहारी चौधरी का स्वागत शानदार हुआ। लेकिन राजद ने अभी तक उनके नाम की घोषणा नहीं की है। इसका कारण यह है कि उन्हें अभी तक हिना शहाब की रजामंदी नहीं मिली है। हिना शहाब ने पहले हर हाल में चुनाव लड़ने का ऐलान किया था। लेकिन राजद ने उनसे दूरी बना ली। इसके बावजूद हिना के तेवर कम नहीं हुए। अब लालू परिवार हिना शहाब से बातचीत कर रहा है, ताकि सीवान में मुकाबला त्रिकोणीय न हो जाए।
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तीन चुनाव हार चुकी हैं हिना शहाब
हिना शहाब सीवान से 2009, 2014 और 2019 का चुनाव हार चुकी हैं। लेकिन इसके बावजूद राजद और लालू परिवार उनकी नाराजगी का खतरा मोल नहीं लेना चाहता। राजद की कोशिश है कि उन्हें किसी भी तरह मनाया जाए, ताकि वे चुनाव न लड़ें। क्योंकि हिना शहाब अगर सीवान से निर्दलीय भी उतरीं तो राजद को सीधे नुकसान उठाना पड़ सकता है। इसलिए राजद उन्हें मनाने की कोशिश कर रहा है। संभवत: विधानसभा में भागीदारी का वादा या किसी और बात पर उन्हें मनाया जा रहा है।
खतरा सीवान के बाहर भी होगा?
राजद अगर हिना शहाब की इतनी मान-मनौव्वल कर रहा है तो इसके पीछे सिर्फ सीवान सीट का समीकरण नहीं है। दरअसल, हिना शहाब अगर चुनावी मैदान में उतरीं तो सीवान, गोपालगंज, महाराजगंज और सारण में भी मुसलमान मतदाताओं की सोच में फर्क आ सकता है। राजद ऐसा कोई खतरा नहीं चाहता जिससे मुसलमान वोट बैंक किसी भी कन्फ्यूजन में आए। लेकिन सीवान से अवध बिहारी चौधरी का नाम सार्वजनिक नहीं करना भी राजद कार्यकर्ताओं को मुश्किल में रखे हुए है।