पटना हाईकोर्ट ने 250 करोड़ रुपये से भी अधिक के बालू घोटाले के आरोपियों को जमानत देने का अहम फैसला सुनाया है। जिन आरोपियों को जमानत दी गई है, उनमें सुरेंद्र जिंदल, बबन सिंह, मिथिलेश सिंह, सुभाष यादव और कृष्णा मोहन सिंह शामिल हैं। जस्टिस डा. अंशुमान ने इन आरोपियों द्वारा दायर जमानत याचिकाओं पर सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद यह निर्णय लिया। सभी आरोपी फिलहाल पटना के बेउर जेल में बंद थे। इस बालू घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने आरोपियों को गिरफ्तार किया था, जिनमें सुरेंद्र जिंदल और बबन सिंह 3 नवंबर को गिरफ्तार किए गए थे। घोटाले का मुख्य आरोपी पुंज सिंह भी इस समय बेउर जेल में बंद है। ईडी ने इस मामले में धनबाद से आरोपियों को गिरफ्तार किया था और उनके खिलाफ कई गंभीर आरोप लगाए थे।
इस मामले में सबसे ज्यादा चर्चा का विषय सुभाष यादव का नाम है, जो राजद सुप्रीमो लालू यादव के करीबी सहयोगी माने जाते हैं। सुभाष यादव पर झारखंड के विधानसभा चुनावों में अवैध बालू खनन के आरोप लगे थे और इस घोटाले में उनका नाम प्रमुखता से सामने आया।
सुभाष यादव को लालू यादव का बेहद भरोसेमंद साथी माना जाता है और वह राजद के वरिष्ठ नेताओं में से एक रहे हैं। उन्हें पिछली बार झारखंड के चतरा लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाया गया था, हालांकि वह चुनाव हार गए थे। इसके बाद उन्हें अभी झारखंड विधानसभा चुनाव में कोडरमा सीट से भी राजद ने उम्मीदवार बनाया। हालांकि वहां से भी सुभाष यादव हारे। सुभाष यादव का नाम अवैध खनन और कारोबार के कई मामलों में शामिल रहा है, जिसमें रेत, कोयला जैसे खनिज संसाधनों की तस्करी भी शामिल है। इस घोटाले में उनका संबंध भ्रष्टाचार और अपराध से जोड़ा गया है, और उन्हें एक बड़े फाइनेंसर के रूप में भी देखा जाता है।