सीएम नीतीश कुमार के खिलाफ बोलने वाले सहयोगी दलों वाले नेताओं में टॉप और फ्रंट पर रहे हैं RJD के नेता व पूर्व मंत्री सुधाकर सिंह। उन्होंने नीतीश कुमार के पूरे राजनीतिक अस्तित्व पर प्रश्न खड़ा कर दिया था। जबकि RJD नीतीश कुमार को PM पद का उम्मीदवार प्रोजेक्ट करना चाह रही थी। सुधाकर सिंह ने नीतीश कुमार की नीतियों को कोसते कोसते उन्हें शिखंडी तक कह दिया था। बताया जाता है कि तेजस्वी यादव इससे नाराज थे। इसके बाद 17 जनवरी 2023 को उन्हें कारण बताओ नोटिस थमा दिया गया। नोटिस के अनुसार 15 दिनों में उन्हें स्पष्टीकरण देना था। अब सुधाकर सिंह ने अपना जवाब दे दिया है।
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नोटिस के बाद भी शांत नहीं हुए सुधाकर
वैसे नोटिस देने के बाद सुधाकर सिंह के तेवर शांत नहीं हुए थे। वे लगातार अपनी बातें कहते रहे। उनका कहना था कि उन्होंने पार्टी के खिलाफ कोई काम नहीं किया है। वे वही बात कह रहे हैं जो नीतीश कुमार के बारे में उनकी पार्टी कहती रही है। हालांकि सुधाकर सिंह की बयानबाजियों से तेजस्वी यादव नाराज थे। RJD ने तय किया था कि महागठबंधन के बारे में सिर्फ लालू यादव बोलेंगे या तेजस्वी यादव। पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारिणी, प्रदेश कार्यकारिणी समेत किसी भी नेता को महागठबंधन पर बोलने की इजाजत नहीं थी। लेकिन सुधाकर नहीं माने और लगातार नीतीश कुमार पर हमला करते गए। इसके बाद अब पार्टी ने उनके खिलाफ कार्रवाई करने का मन बना लिया है।
JDU लगातार बना रही थी दबाव
गठबंधन में शामिल विधायकों द्वारा सीएम पर किए जा रहे हमले को JDU ने प्रतिष्ठा का प्रश्न बना लिया था। JDU लगातार यही कह रही थी RJD नेतृत्व अपने विधायकों पर कार्रवाई करे। कार्रवाई नहीं करने पर उपेंद्र कुशवाहा ने तो यह भी आरोप लगा दिया था कि राजद और भाजपा में सांठ-गांठ का अंदेशा है। हालांकि इस कार्रवाई का कितना अससर गठबंधन के रिश्तों पर पड़ेगा, यह कार्रवाई के बाद पता चलेगा। क्योंकि सुधाकर सिंह ने सीएम नीतीश के लिए जितनी बातें कहीं हैं, उसमें माफी की गुंजाइश है नहीं।