बिहार में सरकार और सीएम नीतीश कुमार के खिलाफ विरोध में भाजपा और एनडीए के सहयोगी दल हैं। लेकिन पूर्व मंत्री सुधाकर सिंह सिर्फ सीएम नीतीश कुमार के खिलाफ है। उनके हमले का निशाना बिहार की सरकार नहीं, सिर्फ सीएम नीतीश कुमार होते हैं। मंत्री पद से हटने के बाद के तीन महीनों में सुधाकर सिंह कई बार हद पार भी कर गए। लेकिन सुधाकर सिंह कहते हैं कि वे जो भी कहते हैं, पार्टी का उन्हें पूरा समर्थन हासिल है। वरिष्ठ पत्रकार मधुरेश को दिए इंटरव्यू में सुधाकर सिंह ने कहा कि उन्होंने महागठबंधन के खिलाफ कुछ भी गलत नहीं बोला है।
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‘नए राजनीतिक दोस्त भी तंज कस रहे हैं’
सुधाकर सिंह का कहना है कि जो भी उन्होंने कहा कि वे उतना ही कह रहे हैं जो पार्टी की लाइन है। उन्हें पार्टी का पूरा समर्थन हासिल है। पार्टी के सिपाही के नाते उसी के डिमांड को पूरा कराने में लगा हूं। मंडी कानून को लागू करना, RJD का पुराना एजेंडा है। यह पूरा न हो, इसलिए तमाम किसान विरोधी ताकतों (पार्टियों/नेताओं) ने चालाकी से मेरी मुहिम को सतही राजनीति से जोड़कर कंफ्यूजन पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं।
‘उपेंद्र-शिवानंद को कौन नहीं जानता’
पूर्व मंत्री आगे कहते हैं कि वे किसानों के लिए काम कर रहे हैं और करते रहेंगे। वहीं उपेंद्र कुशवाहा और शिवानंद तिवारी की आपत्ति को सुधाकर सिंह ने पूरी तरह नकार दिया। उन्होंने कहा कि शिवानंद जी हमारे नेता लालू यादव को जेल भिजवाने वालों में रहे हैं। जबकि उपेंद्र कुशवाहा हमेशा पाला बदलते रहे हैं। इन दोनों की बातों का मैं नोटिस नहीं लेता। मैं जो कह रहा हूं वो कोई नई बात नहीं है। पार्टी की लाइन यही है। तंज तो हमारे नए राजनीतिक दोस्तों की तरफ से भी आते रहे हैं।
‘तेजस्वी ने मुझे कुछ नहीं बोला’
Sudhakar Singh ने इंटरव्यू में बताया है कि तेजस्वी यादव ने उन्हें कुछ नहीं कहा है। तेजस्वी यादव की बातें व्यापक संदर्भ में कहीं। नीतिगत रूप से राजद की तरफ से कोई नई बात कहने का अधिकार सिर्फ लालू जी व तेजस्वी जी को है। मैंने कोई नीतिगत बात नहीं कही है। मैं तो पार्टी की बातों, उसके मसलों को ही दोहरा रहा हू
‘तेजस्वी यादव को सत्ता सौंपने की बात हुई थी’
RJD विधायक सुधाकर सिंह कहते हैं कि महागठबंधन की सरकार बनने के बाद पहले सीएम नीतीश कुमार बने। इसके बाद सत्ता तेजस्वी को सौंपने की बात हुई थी। चार महीने में ये होना था। जो अब तक नहीं हुआ है। मैं मंत्री लालू यादव के निर्देश पर बना था। उन्हीं के आदेश पर इस्तीफा दिया। मैं तब तक बोलता रहूंगा जब बिहार में मंडी कानून लागू नहीं हो जाता है।