बिहार के शिक्षा मंत्री प्रो. चंद्रशेखर और शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के.के. पाठक के विवाद को लेकर सियासत तेज है। कई जदयू नेता के.के. पाठक की तारीफ में कसीदे पढ़ रहे हैं। वही राजद के कई नेता उनपर हमला बोल रहे हैं। हालांकि इन सब के बावजूद भी शिक्षा मंत्री प्रो.चंद्रशेखर सबकुछ ठीक होने का दावा कर रहे है। अब इस पूरे मामले पर पूर्व मंत्री और राजद विधायक सुधाकर सिंह का बयान सामने आया है। सुधाकर सिंह हमेशा ही नीतीश कुमार पर बयानी हमला बोलने को लेकर चर्चाओं में रहते हैं। लेकिन इस बार उनके निशाने पर के.के. पाठक आए हैं। सुधाकर सिंह ने के. के. पाठक को निकम्मा बताते हुए उन्हें बर्खास्त करने की मांग भी कर दी है।
चाचा पारस को हाजीपुर में चुनौती देने को तैयार चिराग पासवान, BJP की बढ़ रही टेंशन
के. के. पाठक का परफॉर्मेंस पर सवाल
सुधाकर सिंह ने कहा कि “के. के. पाठक का परफॉर्मेंस कहीं भी ठीक नहीं रहा है। इससे पहले शराब वाले विभाग में थे। उस दौरान भी बहुत सारे लोग जहरीली शराब के कारण बेमौत मारे गए। उसके पहले खनन विभाग में थे, वहां भी इनका क्या परफॉर्मेंस ठीक नहीं रहा है। अब शिक्षा विभाग आए हैं तो यहां भी ये सब चल रहा है। ऐसे अधिकारी को तुरंत बर्खास्त कर देना चाहिए। के.के. पाठक कोई बहुत बड़ा नेता है कि जिसके निर्णय से बिहार की कोई राजनीति प्रभावित हो रही है। एक निकम्मा अधिकारी है मैंने इसका प्रमाण भी दे दिया।”
JDU पर भी बरसे सुधाकर
सुधाकर सिंह यही नहीं रुके जदयू नेताओं द्वारा के. के. पाठक की तारीफ को लेकर भी हमला बोला। उन्होंने कहा कि “जदयू के जो मंत्री के.के. पाठक की तारीफ कर रहे हैं उनसे मेरी अपील है कि उनको अपने विभाग में अटैच कर लें। इतने ही काबिल है तो सब मंत्री मिलकर अकेले इनको प्रधान सचिव बना लें। फिर चलाएं सरकार वो। शिक्षा मंत्री हमारे उत्कृष्ट विद्वान आदमी हैं। उनको जो जिम्मेदारी दी गई है वह उसको बखूबी निभा रहे हैं। किस राज्य में बदलाव के लिए थोड़ा पीड़ा सबको सहना होगा। मैं यह मानता हूं कि वर्तमान में पीड़ा काल है लेकिन जल्द ही बिहार का सुनहरा भविष्य होगा।”
ये है पूरा विवाद
शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के.के. पाठक ने शिक्षा मंत्री प्रो. चन्द्रशेखर के आप्त सचिव डॉ. कृष्णा नंद यादव के कार्यालय में प्रवेश पर रोक लगा दिया है। पूरा मामला तब शुरू हुआ जब आप्त सचिव डॉ. कृष्णा नंद यादव ने पीत पत्र भेजकर के.के. पाठक की कार्यशैली पर सवाल खड़ा किया। जिसके जवाब में के. के. पाठक ने पीतपत्र लिखकर आप्त सचिव डॉ. कृष्णा नंद यादव के कार्यालय में प्रवेश पर रोक लगा दिया। इसके बाद से के.के. पाठक ने शिक्षा मंत्री प्रो. चंद्रशेखर के बीच खींचतान चल रही है। हालांकि कल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दोनों को अपने आवास पर बुलाया था। ऐसी जानकारी है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दोनों को सभी विवाद खत्म करने को कहा है।