मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ मोर्चा खोले रखने वाले पूर्व कृषि मंत्री सुधाकर सिंह की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। राजद दो दिन पहले ही सुधाकर सिंह पर कारण बताओ नोटिस जारी कर चुकी है। साथ ही सुधाकर सिंह को स्पष्टीकरण के लिए 15 दिनों का समय दिया है। नोटिस जारी किए जाने के दो दिन बाद यानी आज सुधाकर सिंह की प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होंने सीधे तौर पर ये बात कही कि वो समय सीमा के अंदर नोटिस का जवाब देंगे। साथ ही ये भी कहा कि उन्होंने कोई भी असंसदीय शब्द का प्रयोग नहीं किया है ना ही कुछ भी गलत बोला है।
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सुधाकर बोले- पार्टी के समने अपना पक्ष रखूँगा
सुधाकर सिंह ने कहा कि मैं नीतियों, सिद्धांतों और संविधान से बंधा हुआ हूँ। पार्टी ने जो नोटिस दिया है उसपर समय सीमा के अंधर मैं अपना पक्ष रखूँगा।क्योंकि यह पार्टी का अंदरूनी है, इसलिए नोटिस में क्या लिखा है और उनका क्या जवाब दिया जाएगा ये सार्वजानिक तौर पर बताना सही नहीं है। उन्होंने कहा कि पार्टी जो फैसला लेगी मैं उस पर काम करूंगा। वही नीतीश कुमार पर दिए अपने बयान को लेकर उन्होंने कहा कि मैंने जिन भी शब्दों का प्रयोग किया है सभी शब्द संसदीय है। असंसदीय शब्द का प्रयोग मैंने कभी नहीं किया है। सुधाकर सिंह की प्रतिक्रिया से साफ है कि वो अपने बयान पर अड़े हुए हैं।
नीतीश पर सुधाकर सिंह के हमले
- 12 सितंबर 2022 : मंत्रियों की नहीं सुनते हैं सीएम नीतीश कुमार। कृषि विभाग में सभी अधिकारी चोर हैं और वे चोरों के सरदार हैं।
- 13 सितंबर 2022 : कैबिनेट मीटिंग में नीतीश कुमार ने तत्कालीन मंत्री सुधाकर सिंह से कहा कि बयान देने से पहले जांच करा लेते। आप नहीं कराते तो हम अपने स्तर से करा देते। इतना सुनना था कि सीएम की नसीहत पर बिगड़े मंत्री कैबिनेट की बैठक छोड़कर निकल गए। डिप्टी सीएम के साथ अन्य सभी मंत्री आवाक रह गए। इस दौरान सीएम ने उन्हें समझाने का प्रयास भी किया। लेकिन तैश में मंत्री ने किसी की नहीं सुनी और बैठक से बाहर निकल गए।
- 14 सितंबर 2022 : तत्कालीन मंत्री सुधाकर सिंह ने सरकारों के खेल से कोई बचा है क्या? शहाबुद्दीन जेल में रहे और वहीं उनकी मौत हो गई। 17 सालों में बहुत सहा है बिहार ने। 17 सालों में शहाबुद्दीन, आनंद मोहन, जॉर्ज साहब, दिग्विजय सिंह सबने बहुत झेला है। मैंने भी झेला है। जेल तक भेज दिया गया हूं। लेकिन जब तक मंत्री हूं, विभाग को खूंटा ठोक के चलाउंगा।
- 25 सितंबर 2022 : नीतीश कुमार के कृषि रोड मैप से किसानों को कोई लाभ नहीं हुआ है। इस रोड मैप के आंकड़े काफी निराशाजनक हैं। पिछले 10 सालों में ना तो उत्पादन में ना ही किसानों की आय में बढ़ोतरी हुई है। बल्कि इसके उलट इस वित्तीय वर्ष में करीब 1 लाख टन तक उत्पादन घट गया है।
- 26 सितंबर 2022 : 17 सालों में बिहार का सिस्टम जर्जर हुआ है।
- 17 अक्टूबर 2022 : कुछ लोगों को लगता है स्वर्ग का रास्ता प्रधानमंत्री पद से होकर जाता है।
- 11 नवंबर 2022 : केंद्र और बिहार दोनों जगह एक-एक व्यक्ति की सरकार है और उनके आगे सभी लोग नतमस्तक हैं। देश की मौजूदा जो सरकार है वह भारत की सरकार या भाजपा की सरकार नहीं, बल्कि मोदी सरकार है। और बिहार में ‘नीतीशे कुमार’ की सरकार है। इन दोनों सरकारों में बाकी पार्टियां गौण हो गई हैं। जिन पार्टियों के जनाधार हैं, वह पार्टी भी गौण हो गई हैं। सिर्फ एक व्यक्ति के सामने हम सभी नतमस्तक हैं।
- 14 दिसंबर 2022 : सिर्फ कागजों पर है शराबबंदी, सच सुन के बौखला जाते हैं नीतीश कुमार।
- 31 दिसंबर 2022 : जब नीतीश कुमार कुर्सी से उतरेंगे तो उनके किए गए कार्यों का सही मूल्यांकन होगा और इतिहास उन्हें शिखंडी के रूप में देखेगा। नीतीश कुमार ने ही तेजस्वी यादव को सीएम बनने से रोक रखा है। तेजस्वी यादव राजद और महागठबंधन की ओर से सीएम पद के घोषित कैंडिडेट हैं। महागठबंधन की सरकार में नीतीश कुमार 2-4 महीने के लिए नाइट वॉचमैन के तौर पर सीएम बने थे। उसके बाद तेजस्वी जी को चीफ मिनिस्टर बनना था। लेकिन आज सरकार बने साढ़े 4 महीने से ज्यादा का वक्त बीत गया। लेकिन, नीतीश कुमार कुर्सी नहीं छोड़ रहे हैं।
- 03 जनवरी 2023 : नीतीश कुमार विशेष राज्य का दर्जा लेने के लिए एक कटोरा लेकर हमेशा दिल्ली जाते हैं। ऐसा भिखमंगा लोगों ने बहुत कम ही देखा होगा, जो 350 करोड़ के हवाई जहाज से चलता होगा और कटोरा लेकर भीख भी मांगता है। नीतीश कुमार को शर्म नहीं आती है। वे शर्म को घोल कर पी गए हैं।
- 18 जनवरी 2023: मुख्यमंत्री नीतीश कहते हैं कि बिहार में ईमानदारी और न्याय का शासन है। लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं है। बिहार में लूट का मॉडल है इस लूट मॉडल को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि बिहार पुलिस भी इसकी जांच करने में फेल हो जाएगी। क्योंकि गड़बड़ी करने वालों को सत्ता का संरक्षण प्राप्त है।